कानपुर: जिस तरह शहर में आयुध निर्माणियों में विभिन्न प्रकार के हथियार बनते हैं, ठीक उसी तर्ज पर अब मार्च से शहर के साढ़ स्थित डिफेंस कॉरिडोर की पहली यूनिट में भी हथियार बनने लगेंगे. कहीं न कहीं, ये हथियार देश के सैनिकों को मजबूती देने के काम आएंगे. अडाणी समूह की ओर से स्थापित इस प्लांट में हथियार उत्पादन से जुड़ी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. समूह के अफसरों का दावा है, कि फरवरी में पीएम मोदी का कानपुर दौरा प्रस्तावित है और उसी दौरान इस प्लांट का लोकार्पण भी कराया जा सकता है. कमोबेश यही बात जिला प्रशासन के आला अफसर भी कह रहे हैं. इस प्लांट के बन जाने से जहां हजारों की संख्या में युवाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं अब भारत में हथियार उत्पादन को लेकर आयात भी कम हो जाएगा.
इस पूरे मामले पर जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त उद्योग सुधीर श्रीवास्तव ने बताया, कि अडाणी समूह की ओर से कानपुर में पहली बार सबसे बड़ा अस्त्र-शस्त्र निर्माण क्षेत्र विकसित (एम्यूनेशन प्लांट) किया जा रहा है. इससे भारत की रक्षा क्षेत्र पर जहां आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, वहीं पहले चरण में यहां 40 से अधिक प्रकार के जो हथियार बनने हैं, वह भी सेना के लिए बहुत अधिक मददगार साबित होंगे. बोले, डिफेंस कॉरिडोर की पहली यूनिट में मशीनों का ट्रायल अंतिम चरण में है. सभी तरह के परीक्षण सफल रहे हैं. समूह के प्रतिनिधियों का कहना है, कि प्लांट में वेपंस का उत्पादन किया जा सकता है.
इन आंकड़ों को देखिए
- लगभग 499 एकड़ जमीन अडाणी समूह को आवंटित हुई
- करीब 200 एकड़ में एशिया का सबसे बड़ा अस्त्र-शस्त्र निर्माण क्षेत्र बन रहा
- 1500 करोड़ रुपये से अधिक निवेश की है योजना
- 3 नोड हैं, डिफेंस कॉरिडोर के कानपुर व बुंदेलखंड क्षेत्र में
इस बारे में डीएम कानपुर विशाख जी का कहना है कि जो जानकारी अधीनस्थ अफसरों से मिली है, उसके मुताबिक कानपुर में अडाणी समूह की पहली यूनिट लगभग तैयार हो गई है. अगले माह से उत्पादन का काम शुरू भी हो सकता है। जिला प्रशासन जरूरत के मुताबिक हर सहयोग कर रहा है.
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