कानपुर: जनपद में मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाने वाले 6 लोगों की आंख की रोशनी जाने पर सीएमओ ने कार्रवाई के आदेश दिए. उसके बाद डॉक्टर के खिलाफ बर्रा थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
जिले के आराध्या हॉस्पिटल में नेत्र शिविर (Eye Camp at Kanpur Aaradhya Nursing Home) लगया था. यह शिविर सीएमओ आलोक रंजन के परमिशन के बिना लगाया गया था. सीएमओ आलोक रंजन ने मामले में कार्रवाई करते हुए मंगलवार को अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया था. ऑपरेशन करवाने वाले 6 मरीजों की आंख की रोशनी ही चली गई. बताया जा रहा है कि उनकी आंख ऐसी खराब हुई कि दिखना ही बंद हो गया. कई दिनों तक हॉस्पिटल के चक्कर लगाने के बाद जब मरीजों की किसी ने मदद नहीं की तो उन्होंने मामले की शिकायत सीएमओ से की. जहां सीएमओ ने तुरंत जांच के आदेश दिए.
मरीजों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद से ही उनकी आंख में दर्द होना शुरू हो गया था. उसके बाद धीरे-धीरे आंख से पानी बहने लगा. फिर दिखना ही बंद हो गया. हमारी आंख की रोशनी ही चली गई. इसकी शिकायत अस्पताल जाकर की गई, लेकिन वहां किसी ने एक नहीं सुनी. जिसके बाद मामले की जानकारी सीएमओ को दी गई.
पढ़ें- 10 जनवरी से सीएसजेएमयू की सेमेस्टर परीक्षाएं, 3.75 लाख छात्र होंगे शामिल
मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने वाले आराध्या नर्सिंग होम (Kanpur Aaradhya Nursing Home) का मंगलवार को लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. वहीं, लाइसेंस निलंबित होने के बाद सीएमओ की टीम बनाई गई थी, जो हॉस्पिटल में निरीक्षण करने के लिए पहुंची. टीम का नेतृत्व कर रहे अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके सिंह ने बताया कि शिवराजपुर ब्लॉक के रहने वाले 6 लोगों की आंखों की रोशनी (Loss of eyesight of 6 people in eye camp in Kanpur) चली गई है. हॉस्पिटल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. वहीं, मरीजों को मेडिकल कॉलेज में बुलाकर उनकी जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल ने चैरिटी के तहत आई कैंप आयोजित किया था. सीएमओ ऑफिस से कैंप लगाने के लिए कोई परमिशन नहीं दी गई थी, फिलहाल हॉस्पिटल बन्द कर दिया गया है.
पढ़ें- प्रैक्टिस बुक की मदद से CBSE के छात्र सुलझाएंगे विज्ञान और गणित के सवाल