कानपुर: जिले में हुए बिकरू कांड के बाद प्रदेश में सरगर्मी बढ़ी हुई है. पुलिस अपराधियों की तलाश में जगह-जगह छापेमार कर रही है. यूपी पुलिस और एसटीएफ की कई टीमें गैंगस्टर विकास दुबे की तलाश में लगी हुई हैं. हालांकि वह अभी तक फरार है. पुलिस ने अभी तक कार्रवाई करते हुए विकास दुबे के कुछ साथियों को मुठभेड़ में मार भी दिया है. इसी क्रम में हुए श्यामू बाजपेयी के एनकाउंटर पर उसके परिवार ने सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं.
श्यामू बाजपेयी के परिवार का आरोप है कि 3 तारीख को पुलिस श्यामू को घर से पकड़कर ले गयी थी और उसके बाद गोली मार दी. श्यामू की बहन प्रीती ने बताया की सभी लोग छत पर सो रहे थे. तभी अचानक गोलियों के चलने की आवाजें आने लगीं, जिसके बाद सभी लोग नीचे उतरकर आ गए थे.
सुबह पुलिस वालों ने दरवाजा खुलवाया और पापा और भाई को अपने साथ ले गए. शाम को पुलिस ने पापा को छोड़ दिया, लेकिन भाई को नहीं छोड़ा. थाने जाकर जब पुलिस से पूछताछ की तो भाई को लेकर कोई जानकारी पुलिस ने नहीं दी.
अगले दिन सुबह न्यूज में देखा तब पता चला कि उनके पैर में गोली मार दी गई है. प्रीती का कहना है कि मेरे परिवार का विकास दुबे से कोई लेना-देना नहीं है. उनका कहना है की बिकरू कांड की सजा हमको मिल रही है.
गौरतलब है कि कानपुर के थाना चौबेपुर के बिकरु गांव में कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर दबिश देने गई टीम पर विकास दुबे और उसके साथियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था. जिसके बाद पूरे प्रदेश भर में हड़कंप मच गया. वहीं पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पहले दिन उसके दो साथियों को मार गिराया था. वहीं 2 दिन बाद उसके नौकर दयाशंकर को मुठभेड़ कर गिरफ्तार किया था. अब आज श्यामू बाजपेयी का पुलिस ने एनकाउंटर करते हुए उसके पैर में गोली मारकर उसे गिरफ्तार करने की बात कह रही है, जिस पर उसके परिजनों ने सवाल उठाए हैं.