कानपुर : बाइक से बच्ची को टक्कर लगने के बाद शिक्षक की हत्या करने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने रविवार को सड़क जाम करते हुए हंगामा किया. इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं. परिजनों ने एक दारोगा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि शिक्षक के लापता होने के बाद पुलिस के पास कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई. शिक्षक की हत्या पुलिस की लापरवाही के कारण हुई है.
शिक्षक आशुतोष रैना कानपुर देहात के तिस्ती के रहने वाले थे. परिजनों ने बताया कि करीब एक हफ्ते पहले की बात है. आशुतोष बिल्हौर आ रहे थे, तभी उनकी बाइक से बिल्हौर के खजुरी गांव के सामने एक हादसा हो गया. इसमें मोटू की पुत्री घायल हो गई. इसके बाद आशुतोष के साथ मारपीट की गई. इसके बाद आशुतोष ने बच्ची के इलाज का पूरा खर्च उठाया. परिजनों के मुताबिक आशुतोष को आख़िरी बार बिल्हौर सिटी हॉस्पिटल मे आरोपी मोटू के साथ देखा गया था. इसके बाद से वह गायब थे. शनिवार को आशुतोष की लाश नानाआऊ घाट पर गंगा किनारे मिली.
परिजनों ने बताया कि आशुतोष के गायब होने के बाद वे पुलिस के पास भी गए. आरोप है कि बिल्हौर थाना के एक दारोगा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं. कहा है कि पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की. जबकि उन्होंने जिले के आला पुलिस अधिकारियों से उन्होंने शिकायत दर्ज कराई. शिक्षक का शव मिलने के बाद एनएच 91 पर बिल्हौर कोतवाली के सामने शिक्षक आशुतोष का शव रखकर जाम लगा दिया. जब पुलिस ने मुकदमा लिखने का आश्वासन दिया तो परिजन माने. परिजनों की ओर से प्रार्थना पत्र दिया गया है.
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