कानपुर: पुलिसकर्मियों के हत्या के मामले में विकास दुबे के परिजनों का बयान सामने आया है. परिजनों का कहना है कि विकास दुबे दो दिन से घर नहीं आया है. घटना वाले दिन कुछ लोग घर की छत पर चढ़े जरूर, लेकिन उनके साथ विकास दुबे मौजूद नहीं था. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि फायरिंग के दौरान वे लोग गांव में मौजूद नहीं थे, इसलिए उन्हें घटना के बारे में जानकारी नहीं है.
गांव के एक व्यक्ति का कहना है कि जब यह घटना हुई तो उन्हें लगा कि टायर-फटा है, वहीं अन्य लोगों ने दावा किया कि वे खेतों में सो रहे थे और सुबह उन्हें घटना के बारे में पता चला. ग्रामीणों का दावा है कि घटना के दिन किसी ने विकास दुबे को गांव में नहीं देखा. इसके अलावा ग्रामीणों का कहना है कि वे व्यक्तिगत रूप से विकास दुबे को जानते तक नहीं हैं. वहीं सूत्रों की मानें तो गांव में दुबे की बहुत ज्यादा संपत्ति का मालिक. साथ ही साथ सत्ता में भी उसका काफी दबदबा है.
मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मी शहीद
बता दें कि कानपुर के चौबेपुर थाने के बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस पर बदमाशों ने घेर कर अचानक फायरिंग शुरू कर दी. इस घटना में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गये, जबकि 7 लोग घायल हुए हैं. घायलों में 5 पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक शामिल हैं. शहीद पुलिसकर्मियों में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र, एसओ शिवराजपुर महेश यादव, एक सब इंस्पेक्टर समेत 5 सिपाही शामिल हैं. वहीं, इस घटना में दो बदमाश भी मारे गए हैं.
घायल एसओ और सभी पुलिसकर्मियों को गंभीर हालत में रीजेंसी अस्पताल लाया गया. दरअसल, पुलिस टीम चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दबिश देने गई थी. बदमाशों ने पुलिस टीम पर अचानक फायरिंग कर दी. छतों से हमलावरों ने गोलियां बरसाई थीं, जिससे पुलिसकर्मी सीधे निशाने पर आ गए. मुठभेड़ के दौरान बिठूर थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह समेत कई पुलिसकर्मियों को गोली लगी. बदमाश पुलिस के कई असलहे भी लूट ले गए.
बता दें कि घटना का मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे थाने में घुसकर राज्यमंत्री और पुलिसकर्मी सहित कई लोगों की हत्या कर चुका है. एडीजी कानपुर जोन आईजी रेंज एसएसपी कानपुर समेत कई जनपदों की पुलिस फ़ोर्स मौके पर मौजूद है. कॉम्बिंग जारी है.