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जू में बूढ़े वन्यजीवों की उम्र बढ़ाने में जुटे विशेषज्ञ, हो रही अनूठी कवायद

कानपुर जू विशेषज्ञ वन्यजीवों की उम्र बढ़ाने में जुटे हुए है. जिसकी रिपोर्ट सेन्ट्रल जू अथॉरिटी को भेजी जायेगी. 18 वन्यजीव ऐसे हैं, जो अपनी औसत उम्र को पार कर चुके हैं और फीट है.

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Published : Jul 13, 2023, 9:23 PM IST

कानपुर: जिस तरह कानपुर जू के डॉक्टरों व प्रशासनिक अफसरों ने पिछले कुछ माह में अमेठी से जू पहुंचे सारस का स्वभाव बदल दिया. ठीक वैसे ही अब जू के विशेषज्ञ चिड़ियाघर के 18 वन्यजीवों की उम्र बढ़ाने में जुट गए हैं. वैसे तो ये बात चौंकाने वाली जरूर लगती है, मगर है हकीकत. दरअसल विशेषज्ञों का मानना है, 90 प्रतिशत ऐसा होता है कि जो वन्यजीव होते हैं वो अपनी औसत आयु पूरी करने के बाद किन्हीं कारणों से दम तोड़ देते हैं.

कानपुर चिड़ियाघर में गेंडा
कानपुर चिड़ियाघर में गेंडा

ऐसे में जू के जो वन्यजीव हैं, वो यहां के बेहतर माहौल और वातावरण में आराम से हैं. इसलिए अगर वन्यजीव प्रबंधन पर अधिक ध्यान दिया जाएगा, तो निश्चित तौर पर इनकी उम्र बढ़ सकती है. वहीं, जू के अफसरों द्वारा वन्यजीवों के लिए होने वाली इस अनूठी कवायद की पूरी जानकारी सेन्ट्रल जू अथॉरिटी को दी जा चुकी है. जिससे भविष्य में किसी तरह की कोई दिक्क़त न हो.

जू में मौजूद बाघिन त्रुशा
जू में मौजूद बाघिन त्रुशा
त्रुशा 19 तो सोहन 17 साल में फिट: इस पूरे मामले पर जू के चिकित्सक अनुराग सिंह ने बताया कि कानपुर चिड़ियाघर में बाघिन त्रुशा जहां अभी 19 साल की है, वहीं तेंदुआ सोहन 17 साल की उम्र में पूरी तरह फिट है. जबकि इनकी औसत उम्र 15-16 वर्ष के बीच होती है. डॉक्टर अनुराग ने कहा कानपुर जू में बाघ, तेंदुआ, दरियाई घोड़ा, भालू समेत 18 वन्यजीव ऐसे हैं जो अपनी औसत उम्र पूरी करके खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं. दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं. उन्हें किसी तरह की कोई दिक्क़त नहीं है. वैसे कानपुर जू में 1000 से अधिक वन्यजीव हैं.
जू में मौजूद तेंदुआ सोहन
जू में मौजूद तेंदुआ सोहन
इन कारणों के चलते उम्र बढ़ाने की हो रहीं कवायद- सभी उम्रदराज वन्यजीवों का हर माह चिकितसीय परीक्षण होता है- जू परिसर में सभी तरह के वाहनों पर प्रतिबंध है, इससे शोर नहीं होता- मौसम के मुताबिक वन्यजीवों के खानपान में बदलाव किया जाता है- वन्यजीवों के बाड़े के बाहर चूने का छिड़काव होता है, जिससे उन्हें किसी तरह का संक्रमण न हो.
जू में मौजूद बाघिन त्रुशा
जू में मौजूद बाघिन त्रुशा

यह भी पढ़ें: मां से बिछड़ने के बाद कानपुर जू लाई गई लूना, रेस्क्यू टीम ने बताई मार्मिक कहानी...

कानपुर: जिस तरह कानपुर जू के डॉक्टरों व प्रशासनिक अफसरों ने पिछले कुछ माह में अमेठी से जू पहुंचे सारस का स्वभाव बदल दिया. ठीक वैसे ही अब जू के विशेषज्ञ चिड़ियाघर के 18 वन्यजीवों की उम्र बढ़ाने में जुट गए हैं. वैसे तो ये बात चौंकाने वाली जरूर लगती है, मगर है हकीकत. दरअसल विशेषज्ञों का मानना है, 90 प्रतिशत ऐसा होता है कि जो वन्यजीव होते हैं वो अपनी औसत आयु पूरी करने के बाद किन्हीं कारणों से दम तोड़ देते हैं.

कानपुर चिड़ियाघर में गेंडा
कानपुर चिड़ियाघर में गेंडा

ऐसे में जू के जो वन्यजीव हैं, वो यहां के बेहतर माहौल और वातावरण में आराम से हैं. इसलिए अगर वन्यजीव प्रबंधन पर अधिक ध्यान दिया जाएगा, तो निश्चित तौर पर इनकी उम्र बढ़ सकती है. वहीं, जू के अफसरों द्वारा वन्यजीवों के लिए होने वाली इस अनूठी कवायद की पूरी जानकारी सेन्ट्रल जू अथॉरिटी को दी जा चुकी है. जिससे भविष्य में किसी तरह की कोई दिक्क़त न हो.

जू में मौजूद बाघिन त्रुशा
जू में मौजूद बाघिन त्रुशा
त्रुशा 19 तो सोहन 17 साल में फिट: इस पूरे मामले पर जू के चिकित्सक अनुराग सिंह ने बताया कि कानपुर चिड़ियाघर में बाघिन त्रुशा जहां अभी 19 साल की है, वहीं तेंदुआ सोहन 17 साल की उम्र में पूरी तरह फिट है. जबकि इनकी औसत उम्र 15-16 वर्ष के बीच होती है. डॉक्टर अनुराग ने कहा कानपुर जू में बाघ, तेंदुआ, दरियाई घोड़ा, भालू समेत 18 वन्यजीव ऐसे हैं जो अपनी औसत उम्र पूरी करके खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं. दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं. उन्हें किसी तरह की कोई दिक्क़त नहीं है. वैसे कानपुर जू में 1000 से अधिक वन्यजीव हैं.
जू में मौजूद तेंदुआ सोहन
जू में मौजूद तेंदुआ सोहन
इन कारणों के चलते उम्र बढ़ाने की हो रहीं कवायद- सभी उम्रदराज वन्यजीवों का हर माह चिकितसीय परीक्षण होता है- जू परिसर में सभी तरह के वाहनों पर प्रतिबंध है, इससे शोर नहीं होता- मौसम के मुताबिक वन्यजीवों के खानपान में बदलाव किया जाता है- वन्यजीवों के बाड़े के बाहर चूने का छिड़काव होता है, जिससे उन्हें किसी तरह का संक्रमण न हो.
जू में मौजूद बाघिन त्रुशा
जू में मौजूद बाघिन त्रुशा

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