कानपुर : बुधवार को वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण सक्सेना व केपी मलिक ने शहर में आकर चिड़ियाघर का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि हर हाल में गंगा मैया पूरी तरीके से प्रदूषण मुक्त होंगी. उन्होंने यह भी कहा कि अब सेटेलाइट से यह जांच कराई जाएगी कि हर साल जो पौधारोपण होता है, उस दौरान जो पौधे सूखते हैं, उसमें कौन जिम्मेदार है. जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
चिड़ियाघर के निरीक्षण के दौरान जब वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण सक्सेना और केपी मलिक तेंदुआ बघिरा के बाड़े के बाहर पहुंचे तो अचानक ही उसने बाड़े के अंदर से एक हमले जैसा व्यवहार किया. इससे कुछ देर के लिए मंत्री सकते में आ गए. उन्होंने वहां मौजूद गैंडा मानू को केला खिलाया. इस मौके पर मौजूद प्राणी उद्यान के निदेशक के.के सिंह ने बताया कि मानू को चिड़ियाघर की शान कहा जाता है. जानकारी दी कि चिड़ियाघर में मौजूद बाघिन त्रुशा के अब तक 17 शावक हो चुके हैं जो देश व प्रदेश के तमाम शहरों में मौजूद चिड़ियाघर में उपस्थित हैं.
पढ़ेंः वन्यजीवों का रख-रखाव व ट्रेनिंग प्रोग्राम की हकीकत जानेंगे वनमंत्री
चिड़ियाघर व अन्य संस्थानों के निरीक्षण के अलावा वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री डॉ. अरुण सक्सेना और केपी मलिक ने कानपुर मंडलभर के अफसरों के साथ सर्किट हाउस में बैठक की. उन्होंने अफसरों को निर्देश दिया कि किसी भी मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. पौधारोपण का जो भी काम होगा, उसमें भी सभी को बहुत ही गंभीरता से लगना होगा. इस मौके पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ममता संजीव दुबे, निदेशक चिड़ियाघर के के सिंह, डीएफओ अरविंद यादव, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी अनिल माथुर समेत तमाम अन्य प्रशासनिक अफसर उपस्थित रहे.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप