कानपुर: जिले में मतदान संपन्न कराने के लिए 19,000 कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी के लिए चुना गया है जिनमें से कई नेत्रहीन और चलने फिरने से लाचार लोग है, अस्पताल के बिस्तर पर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे सरकारी कर्मचारी भी चुनाव ड्यूटी पर बुलाए गए हैं इस बार चुनाव को लेकर चुनाव आयोग कोई भी कसर नहीं छोड़ रहा है और जिले में चुनावी तैयारियां जोरो-शोरों से चल रही है.
उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी ऑल वेंकटेश्वर लु चुनाव तैयारियों की समीक्षा करने के लिए शनिवार को कानपुर आये. ऑल वेंकटेश्वर लु ने व्यापारियों, उद्योगपतियों, वकीलों, डॉक्टरों और समाज सेवी संगठनों के साथ एक संगोष्ठी भी की. जिसमें उन्होंने बताया कि लोकतंत्र के महापर्व पर उनकी भूमिका कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है.
इस मौके पर उन्होंने मीडिया से भी बात की और साथ ही उन्होंने अपने अधिकारियों का रिपोर्ट कार्ड भी देखा. दरअसल अधिकारियों ने कमली जिला निर्वाचन कार्यालय को अपनी ऐसे कर्मचारियोंकी सूची भेजी है जो गंभीर रूप से बीमार है, आईसीयू में है और कोई दिव्यांग है. एक नेत्रहीन बैंक कर्मी को तो पीठासीन अधिकारी तक बनाने का कारनामा भी कर दिया गया है.
मीडिया ने जब इस मामले पर सवाल उठाए तो कानपुर नगर के जिलाधिकारी भड़क गए औरमौके पर चुनाव आयोग अधिकारी ने बात संभालते हुए दिव्यांगों का नाम काटे जाने का तत्काल आदेश पारित किया.