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ऑस्ट्रेलिया सरकार ने कानपुर के कारोबारियों को दिया निर्यात का मौका, इम्मपोर्ट ड्यूटी पर भी छूट

आस्ट्रेलिया सरकार ने कानपुर के कारोबारियों को निर्यात का मौका दिया है. 6000 से अधिक उत्पाद कारोबारी आस्ट्रेलिया में निर्यात कर सकेंगे, इसके लिए समझौता हुआ है.

कानपुर शहर.
कानपुर शहर.
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Published : Nov 28, 2022, 8:19 PM IST

कानपुर: कुछ दिनों पहले जहां फिलीपिंस के उद्यमियों ने कानपुर के कारोबारियों के साथ आयात-निर्यात करने को लेकर अपनी इच्छा जताई थी. वहीं अब आस्ट्रेलिया की सरकार ने शहर के कारोबारियों को निर्यात का मौका दिया है. 22 नवंबर को पहली बार आस्ट्रेलिया व भारत के बीच इकोनॉमिक कॉम्प्रिहेंसिव ट्रे़ड एग्रीमेंट (एक्टा) को लेकर करार हुआ है. जिससे अब शहर के कारोबारी 6000 से अधिक तरह-तरह के उत्पादों का आयात निर्यात कर सकेंगे. सबसे खास बात यह है कि अभी तक कारोबारियों को लेदर गु़ड्स व टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स पर ड्यूटी के तौर पर जो कर देना होता था, उससे उन्हें अब पूरी तरह से निजात दे दी गई है. यानि, अगर वह कारोबार का विस्तार करते हैं तो पहले की तुलना में उन्हें मुनाफा भी अधिक होगा.

जानकारी देते फियो के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव.
कच्चे माल का आयात जीरो ड्यूटी पर: इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत से बात करते हुए फेडरेशन आफ इंडिनय एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि एक्टा के बाद आस्ट्रेलिया से कोयला, कॉपर, एल्युमिनियम, जिरकॉन, निकेल जैसे कच्चे माल का आयात जीरो ड्यूटी पर होगा. इसका फायदा लगभग हर इंडस्ट्री को मिलेगा. हाइड और स्किन जीरो ड्यूटी पर होने से लेदर इंडस्ट्री को, ऊन के जीरो ड्यूटी पर ऊनी टेक्सटाइल इंडस्ट्री को फायदा होगा. तीन लाख बेल्स तक कॉटन का आयात जीरो ड्यूटी पर होगा, जिससे कॉटन टेक्सटाइल इंडस्ट्री को लाभ मिलेगा.

500 करोड़ का सालाना निर्यात : फियो के सहायक निदेशक ने बताया कि लेदर व टेक्सटाइल इंडस्ट्री के सालाना कारोबार को देखें तो मौजूदा समय में आस्ट्रेलिया के साथ 500 करोड़ का कारोबार होता है. अब, जो एक्टा का करार है, उससे यह कारोबार 10 से 20 फीसद तक बढ़ने की उम्मीद है, जिसका सीधा लाभ शहर के निर्यातकों को मिल सकेगा.

अभी इन उत्पादों को लेकर निर्यात हो रहा है: लेदर से बने सामान, लेदर फुटवियर, सैडलरी, आयरन एंड स्टील, रेडीमेड गारमेंट्स, टेक्सटाइल उत्पाद, पीयू कोटेड फैब्रिक, मसाले, एल्युमिनियम फॉयल, केमिकल एंड केमिकल उत्पाद, फ्रेग्रेंस, परफ्यूम व अन्य उत्पाद का निर्यात हो रहा है.

इसे भी पढ़ें-अब शहर के दो लाख जरूरतमंद बच्चों के हाथों में होंगी बुक, डीएम ने शुरू किया कैम्पेन

कानपुर: कुछ दिनों पहले जहां फिलीपिंस के उद्यमियों ने कानपुर के कारोबारियों के साथ आयात-निर्यात करने को लेकर अपनी इच्छा जताई थी. वहीं अब आस्ट्रेलिया की सरकार ने शहर के कारोबारियों को निर्यात का मौका दिया है. 22 नवंबर को पहली बार आस्ट्रेलिया व भारत के बीच इकोनॉमिक कॉम्प्रिहेंसिव ट्रे़ड एग्रीमेंट (एक्टा) को लेकर करार हुआ है. जिससे अब शहर के कारोबारी 6000 से अधिक तरह-तरह के उत्पादों का आयात निर्यात कर सकेंगे. सबसे खास बात यह है कि अभी तक कारोबारियों को लेदर गु़ड्स व टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स पर ड्यूटी के तौर पर जो कर देना होता था, उससे उन्हें अब पूरी तरह से निजात दे दी गई है. यानि, अगर वह कारोबार का विस्तार करते हैं तो पहले की तुलना में उन्हें मुनाफा भी अधिक होगा.

जानकारी देते फियो के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव.
कच्चे माल का आयात जीरो ड्यूटी पर: इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत से बात करते हुए फेडरेशन आफ इंडिनय एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि एक्टा के बाद आस्ट्रेलिया से कोयला, कॉपर, एल्युमिनियम, जिरकॉन, निकेल जैसे कच्चे माल का आयात जीरो ड्यूटी पर होगा. इसका फायदा लगभग हर इंडस्ट्री को मिलेगा. हाइड और स्किन जीरो ड्यूटी पर होने से लेदर इंडस्ट्री को, ऊन के जीरो ड्यूटी पर ऊनी टेक्सटाइल इंडस्ट्री को फायदा होगा. तीन लाख बेल्स तक कॉटन का आयात जीरो ड्यूटी पर होगा, जिससे कॉटन टेक्सटाइल इंडस्ट्री को लाभ मिलेगा.

500 करोड़ का सालाना निर्यात : फियो के सहायक निदेशक ने बताया कि लेदर व टेक्सटाइल इंडस्ट्री के सालाना कारोबार को देखें तो मौजूदा समय में आस्ट्रेलिया के साथ 500 करोड़ का कारोबार होता है. अब, जो एक्टा का करार है, उससे यह कारोबार 10 से 20 फीसद तक बढ़ने की उम्मीद है, जिसका सीधा लाभ शहर के निर्यातकों को मिल सकेगा.

अभी इन उत्पादों को लेकर निर्यात हो रहा है: लेदर से बने सामान, लेदर फुटवियर, सैडलरी, आयरन एंड स्टील, रेडीमेड गारमेंट्स, टेक्सटाइल उत्पाद, पीयू कोटेड फैब्रिक, मसाले, एल्युमिनियम फॉयल, केमिकल एंड केमिकल उत्पाद, फ्रेग्रेंस, परफ्यूम व अन्य उत्पाद का निर्यात हो रहा है.

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