ETV Bharat / state

अस्पताल और सरकार की छवि बिगाड़ने की हो रही कोशिश: डॉ यशवंत राव - dr yashwant

कानपुर में रविवार शाम को हैलेट हॉस्पिटल के बाहर महिला ने धरना प्रदर्शन किया. महिला का आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर और नर्स उसे अस्पताल से भगा दिए.

बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. यशवंत राव.
बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. यशवंत राव.
author img

By

Published : Nov 3, 2020, 12:24 PM IST

कानपुर : रविवार शाम को हैलेट हॉस्पिटल के बाहर उस वक्त हंगामा मच गया, जब एक मां अपने 28 दिन के बच्चे को लेकर सड़क पर धरना दे रही थी. धरना दे रही महिला ने बताया कि हैलेट हॉस्पिटल के बाल रोग विभाग में उसे डॉक्टरों और नर्सों ने मिलकर भगा दिया. मामले की सूचना पर पहुंची पुलिस ने महिला को समझा-बुझाकर धरना खत्म करवाया.

इस मामले में बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ यशवंत राव का कहना है कि घटना की जानकारी मिलने के बाद खुद मरीज के परिजनों को ट्रैस किया गया, लेकिन वो इलाज न कराकर लखनऊ शिकायत करने की बात कहने लगे. जिसके बाद इस मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जायगी. विभागाध्यक्ष का कहना है कि पहली नजर में किसी की गलती नहीं लग रही है, बल्कि यह मामला सरकार और अस्पताल की छवि बिगाड़ने की कोशिश लग रहा है.

मामले की जानकारी देते हुए बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. यशवंत राव.

17 को भर्ती हुई थी बच्ची

डॉ यशवंत राव ने बताया कि कन्नौज निवासी 28 दिन की गौरी 17 अक्टूबर को अस्पताल में आयी थी. और उसका डॉ नेहा अग्रवाल के अंडर में इलाज चल रहा था. जब बच्ची आयी थी तो उसकी स्थिति नाजुक थी, लेकिन 10 दिन इलाज के बाद उसकी स्थिति में सुधार आ रहा था. लेकिन निमोनिया के चलते उन्हें नेबोलाइजर के लिए कहा गया. जहां पर मरीज के परिजन नर्स से भीड़ गए और लखनऊ शिकायत करने की बात कहकर हंगामा करना शुरू कर दिया.

120 बेड और 150 से ऊपर भर्ती हैं बच्चे

डॉ यशवंत राव ने बताया कि महिला ने हंगामा करते हुए कहा कि उसके बच्चे के बेड में 2 बच्चों को रखा गया था, लेकिन इस वक्त हमारे यहां बेड 120 ही है. जबकि मरीजों की संख्या 150 से ऊपर है. जिस वजह से छोटे बच्चों को एक बेड में दो-दो करके लेटाकर इलाज किया जा रहा है, क्योंकि हमारी प्राथमिकता मरीज का इलाज है.

जैसे ही मुझे घटना की जानकारी हुई मैं अस्पताल पहुंच गया और पहले मरीज की फाइल देखी, उसके बाद मरीज के पिता का नंबर लेकर उनसे बात की. उन्होंने शाम को आने को कहा लेकिन रात 12 बजे तक मैं खुद मरीज को ट्रैस कर रहा था, लेकिन वो नहीं आए. परिजन सिर्फ लखनऊ शिकायत करने की बात कह रहे थे. मामले की जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

-डॉ. यशवंत राव, विभागाध्यक्ष बाल रोग

कानपुर : रविवार शाम को हैलेट हॉस्पिटल के बाहर उस वक्त हंगामा मच गया, जब एक मां अपने 28 दिन के बच्चे को लेकर सड़क पर धरना दे रही थी. धरना दे रही महिला ने बताया कि हैलेट हॉस्पिटल के बाल रोग विभाग में उसे डॉक्टरों और नर्सों ने मिलकर भगा दिया. मामले की सूचना पर पहुंची पुलिस ने महिला को समझा-बुझाकर धरना खत्म करवाया.

इस मामले में बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ यशवंत राव का कहना है कि घटना की जानकारी मिलने के बाद खुद मरीज के परिजनों को ट्रैस किया गया, लेकिन वो इलाज न कराकर लखनऊ शिकायत करने की बात कहने लगे. जिसके बाद इस मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जायगी. विभागाध्यक्ष का कहना है कि पहली नजर में किसी की गलती नहीं लग रही है, बल्कि यह मामला सरकार और अस्पताल की छवि बिगाड़ने की कोशिश लग रहा है.

मामले की जानकारी देते हुए बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. यशवंत राव.

17 को भर्ती हुई थी बच्ची

डॉ यशवंत राव ने बताया कि कन्नौज निवासी 28 दिन की गौरी 17 अक्टूबर को अस्पताल में आयी थी. और उसका डॉ नेहा अग्रवाल के अंडर में इलाज चल रहा था. जब बच्ची आयी थी तो उसकी स्थिति नाजुक थी, लेकिन 10 दिन इलाज के बाद उसकी स्थिति में सुधार आ रहा था. लेकिन निमोनिया के चलते उन्हें नेबोलाइजर के लिए कहा गया. जहां पर मरीज के परिजन नर्स से भीड़ गए और लखनऊ शिकायत करने की बात कहकर हंगामा करना शुरू कर दिया.

120 बेड और 150 से ऊपर भर्ती हैं बच्चे

डॉ यशवंत राव ने बताया कि महिला ने हंगामा करते हुए कहा कि उसके बच्चे के बेड में 2 बच्चों को रखा गया था, लेकिन इस वक्त हमारे यहां बेड 120 ही है. जबकि मरीजों की संख्या 150 से ऊपर है. जिस वजह से छोटे बच्चों को एक बेड में दो-दो करके लेटाकर इलाज किया जा रहा है, क्योंकि हमारी प्राथमिकता मरीज का इलाज है.

जैसे ही मुझे घटना की जानकारी हुई मैं अस्पताल पहुंच गया और पहले मरीज की फाइल देखी, उसके बाद मरीज के पिता का नंबर लेकर उनसे बात की. उन्होंने शाम को आने को कहा लेकिन रात 12 बजे तक मैं खुद मरीज को ट्रैस कर रहा था, लेकिन वो नहीं आए. परिजन सिर्फ लखनऊ शिकायत करने की बात कह रहे थे. मामले की जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

-डॉ. यशवंत राव, विभागाध्यक्ष बाल रोग

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.