कानपुर: जनपद में हर साल वन विभाग की ओर से पौधारोपण अभियान की शुरुआत की जाती है. सभी विभागों के अफसर फोटो खिंचवाने के लिए एक या दो पौधे अपने विभाग में लगाते हैं. बाद में वह पौधे सूख गए, या उनमें हरियाली छा गयी. इसकी परवाह नहीं करते हैं. वहीं, जमीनों के बजाय कागजों में भी पौधारोपण भी खूब किया जाता है. डीएम ने सच्चाई जानने के लिए जांच के आदेश दे दिए हैं.
बता दें कि हर साल जनपद में लाखों पौधों का पौधारोपण किया जाता है. जिसमे जनपद के अधिकारी से लेकर नेता और छात्र-छात्राएं शामिल होते हैं. लेकिन पौधों को लगाने के बाद उनकी कोई देखरेख नहीं करता है. इसी हकीकत को जानने के लिए डीएम ने जिले में रोपे गए पौधों की जानकारी के लिए जांच के आदेश दे दिए हैं. डीएम ने यह जिम्मा जिले के अलग-अलग विभाग के अफसरों को सौंपा है. 15 दिनों के अंदर अफसरों को अपनी रिपोर्ट डीएम को देनी होगी. डीएम के जांच सम्बन्धी आदेश के बाद से कई विभागों के अफसरों में खलबली मच गयी है.
शहर में पौधारोपण अभियान के दौरान 26 विभागों की ओर से करीब 28.61 लाख पौधे रोपे गए थे. वहीं, तमाम विभागों के अफसरों ने लक्ष्य से अधिक पौधे रोपने का दावा किया था. हालांकि अब डीएम कार्यालय (DM Office) में यह शिकायत भी पहुंची है कि घाटमपुर, शिवराजपुर व बिल्हौर में अच्छी संख्या में पौधे सूख गए हैं. ऐसे में जांच होने के बाद पौधों की देख रेख न करना कई अफसरों को भारी पड़ सकता है.