कानपुरः घाटमपुर के तहसील परिसर में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब रिश्वतखोर बाबू से आजीज आकर एक दिव्यांग ने अपने हाथ की नस काट ली. दिव्यांग फैमिली पेंशन के लिए काफी समय से परेशान चल रहा था. दिव्यांग ने बाबू पर आरोप लगाते हुए बताया कि तहसील का बाबू घूस लेने के बाद भी काम नहीं कर रहा था. दिव्यांग के हाथ की नस काटने की सूचना से तहसील परिसर में हड़कंप मच गया. प्रशासनिक अधिकारियों ने आनन-फानन में दिव्यांग को प्राथमिक इलाज के लिए अस्पताल भेजा. इस घटना के बाद तहसीलदार ने तत्काल दिव्यांग की फाइल मंगाकर उसका काम करने का आश्वासन दिया.
ये है पूरा मामला
दिव्यांग अरुण कुमार श्रीवास्तव कल्याणपुर थाना क्षेत्र के लखनपुर के रहने वाले हैं. अरुण श्रीवास्तव के पिता राम निरंजन श्रीवास्तव घाटमपुर तहसील में राजस्व संग्रह अमीन के पद पर कार्यरत थे. माता पिता की मौत हो जाने के बाद बेसहारा दिव्यांग पुत्र को पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलने की जानकारी होने पर उसने आवेदन किया. आवेदन करने के दौरान दिव्यांग की फाइल 2017 से कलेक्ट्रेट और तहसील के बीच ही घूमती रही. विभाग से संबंधित अधिकारी और बाबू पिछले तीन सालों से दिव्यांग अरुण को काम जल्द ही हो जाने का आश्वासन देकर टरका रहे थे.
दिव्यांग ने हाथ की नस काटने के दौरान बाबू पर लगाया आरोप
आलाधिकारियों की चौखट पर आए दिन नाक रगड़ने के बाद भी जब दिव्यांग को न्याय की उम्मीद न दिखाई दी. तब अपनी बेटी के साथ पहुंचे दिव्यांग ने अपने हाथ ही नस काट ली. दिव्यांग अरुण श्रीवास्तव ने तहसील परिसर में बाबू के पद पर कार्यरत सुनील श्रीवास्तव पर दस हजार रुपये लेने के बाद भी काम न करने का आरोप लगाया. मामले की जानकारी होते तहसील परिसर में हड़कंम मच गया.
तहसीलदार ने कहा होगी कार्रवाई
मामले की जानकारी होने पर मौके पर पहुंचे तहसीलदार विनीत कुमार ने दिव्यांग अरुण को समझाते हुए उसका काम जल्द ही करवाने का आश्वासन देते हुए उसे प्राथमिक इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया. साथ ही मामले की जांच करते हुए बाबू सुनील श्रीवास्तव को दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही.