कानपुर: संजीत अपहरण और हत्याकांड में प्रारंभिक जांच में दोषी पाए गए सभी 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है. डीआईजी डॉक्टर प्रीतिंदर सिंह ने नोटिस भेजकर सभी पुलिस कर्मियों से जवाब मांगा है. वहीं इस मामले में निलंबित सीओ गोविंद नगर मनोज गुप्ता की जांच संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय लखनऊ के दफ्तर में चल रही है. संजीत हत्याकांड की जांच संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय लखनऊ में नीलाब्जा चौधरी को सौंपी गई है.
जिले के बर्रा थाना क्षेत्र निवासी लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का बीते साल 22 जून को अपहरण हो गया था. इसके बाद 26 जून को संजीत की हत्या कर दी गई थी और शव को पांडु नदी में फेंक दिया गया था. हत्यारों ने संजीत के परिजनों से 30 लाख रुपए की फिरौती भी ले ली थी. 23 जुलाई को पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा किया था. संजीत अपहरण हत्याकांड मामले में कुल 8 लोगों को निलंबित किया गया था.
ये पुलिसकर्मी हुए थे निलंबित
इस पूरे मामले में पूर्व एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता, सीओ मनोज कुमार गुप्ता, बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय, दरोगा राजेश कुमार, दरोगा योगेंद्र प्रताप के अलावा कई सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया था.
इन पर बैठी जांच
इस पूरे मामले में एसपी अपर्णा गुप्ता को बहाल कर दिया गया और मुरादाबाद जीआरपी में तैनाती दे दी गई. जबकि सीओ मनोज कुमार गुप्ता के खिलाफ संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय लखनऊ के दफ्तर में जांच चल रही है. इंस्पेक्टर रंजीत राय, दरोगा और सिपाहियों की प्रारंभिक जांच कर रहे एसपी पूर्वी ने सभी को दोषी ठहराया है. इसके बाद डीआईजी ने सभी को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है.