कानपुर: हिस्ट्रीशीटर और कुख्यात बदमाश विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस मुठभेड़ में एक डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए, जबकि चार पुलिसकर्मी घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है. इस घटना के बाद से बदमाशों की धरपकड़ में एक ओर जहां एसटीएफ को लगा दिया गया है तो वहीं 50 थानों की फोर्स की तैनाती भी की गई है, जो आसपास के इलाकों में कांबिंग कर रही है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में एडीजी जोन जय नारायण सिंह ने माना कि शुरुआत में पुलिस से चूक हुई, जिसके चलते 8 जवान शहीद हो गए. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस के आला अधिकारियों का मौके पर आने का दौर शुरू हो गया. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हितेश चंद्र अवस्थी भी मौके पर पहुंचे और मीडिया से बातचीत की.
मीडिया से बातचीत में डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा, 'यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, जिसमें ड्यूटी पर कार्यरत पुलिस अधिकारी और पुलिस के कॉन्स्टेबल और सब- इंस्पेक्टर पर यह कायराना हमला आपराधिक तत्वों के द्वारा किया गया है और हमला करने के बाद वे भागे हैं. यहां पर जो हमारी पार्टी आई थी, उसका साजिश के तहत पहले जेसीबी से रास्ता रोका गया. उसके बाद अंधेरे का फायदा उठाकर हमला किया गया. यह जो भी घटना हुई है, ये बिना सोची-समझी साजिश के नहीं हुई है.'
डीजीपी ने बताया, 'पुलिस की टीम बहुत बड़ी थी. तमाम पुलिस के अधिकारी भी साथ थे. डिप्टी एसपी भी साथ में थे. यह घात लगाकर हमला किया गया है. मेरा अपना मानना यह है कि बदमाशों ने अंधेरे का फायदा उठाया और इस कायराना हमले को अंजाम दिया.'
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डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने बताया 'हमें पूरी आशा है कि हम शीघ्र ही मामले की तह तक पहुंचेंगे और अपराधियों को वहां तक पहुंचाएंगे, जहां उनको होना चाहिए.' वहीं एके-47 के इस्तेमाल के सवाल पर उन्होंने कहा कि 'मैं अभी इस पर कुछ नहीं कह सकता. जब एक्सपर्ट की ओपिनियन आएगी, तभी मैं आपको बता पाउंगा.'