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कानपुर बांसमंडी अंग्निकांड को लेकर डीजी से गोलमोल जवाब, 7 जनपदों की 30 गाड़ियां भी नहीं बुझा सकी आग - डीजी फायर अविनाश चंद्र

कानपुर बांसमंडी अग्निकांड का जायजा लेने के लिए डीजी फायर शनिवार को मौके पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि आग को पूरी तरीके से नियंत्रित होने में करीब 18 से 20 घंटे लगेंगे.

Kanpur Bansmandi fire
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Published : Apr 2, 2023, 10:49 AM IST

कानपुर बांसमंडी अग्निकांड का जायजा लेने पहुंचे डीजी फायर

कानपुर: शहर के बांसमंडी कपड़ा मार्केट के अग्निकांड में करीब 500 से ज्यादा दुकानें जल गई, जिससे दुकान में रखे करोड़ों के माल जलकर खाक हो गए. वहीं, रविवार को घटनास्थल का जायजा लेने के लिए डीजी फायर अविनाश चंद्र मौके पर पहुंचे. उन्होंने फायरकर्मियों से बातचीत कर घटना को जल्द से जल्द नियंत्रित करने के लिए कहा.

डीजी फायर अविनाश चंद्र ने बताया कि शुक्रवार रात में आग लगने की सूचना प्राप्त हुई थी. इसके बाद घटना का तत्काल संज्ञान लेते हुए जो फायर कर्मी जिस अवस्था में थे, उन्हें उसी अवस्था में घटनास्थल पर भेज दिया गया था. साथ ही 7 जनपदों की 30 गाड़ियां भी इस भयावह आग को बुझाने के लिए लगी हुई हैं. फायरकर्मी भी लगातार बिना रुके आग बुझाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आग पर काफी हद तक काबू भी पा लिया गया है. कॉम्प्लेक्स में कपड़ों का स्टॉक ज्यादा था, जिसकी वजह से आग लगातार सुलग रही है. इसी वजह से कोई फायरकर्मी अंदर नहीं जा पा रहा है. बाहर से ही आग को बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि घटना को पूरी तरीके से नियंत्रित होने में लगभग 18 से 20 घंटे और लगेंगे. उसके बाद ही आग पर पूरी तरीके से काबू पाया जा सकेगा.

डीजी फायर अविनाश चंद्र ने बताया कि यह सभी हाइड्रोलिक गाड़ियां बाहर की हैं. उनके इंजीनियर भी बाहर से ही इनको रिपेयर करने के लिए आते हैं. कोविड-19 की वजह से 2 साल में सिर्फ एक ही बार इनकी मरम्मत के लिए आ सके थे. इसमें उनके द्वारा कई गाड़ियों को ठीक किया गया था. आग को बुझाने के लिए इलाहाबाद और लखनऊ की गाड़ियों को भी इसमें शामिल किया गया है. इसके साथ ही हम बाकी की गाड़ियां जो खराब पड़ी हैं, उन्हे भी अब सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ बनवाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार से गाड़ियों के लिए फंड भी मिल चुका है.

डीजी फायर अविनाश चंद्र ने कहा कि 2005 से पहले की जो बिल्डिंग हैं, उसमें कोई एनओसी की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, यह जो घटना हुई है. यह भी शॉर्ट सर्किट की वजह से हुई है. इस घटना से सबक लेकर घरों और प्रतिष्ठानों पर समय-समय पर इलेक्ट्रिकल वायरिंग की ऑडिट कराते रहना चाहिए, जिससे जो भी तार जर्जर हो चुके हैं, उनको तत्काल रूप से बदला जा सके. लोगों को जागरूक करने के लिए बार-बार अभियान भी चलाया जाता है, जिससे लोगों को सीखना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः भोपाल से झांसी पहुंची वंदे भारत ट्रेन, सफर करने वाले छात्रों ने की तारीफ

कानपुर बांसमंडी अग्निकांड का जायजा लेने पहुंचे डीजी फायर

कानपुर: शहर के बांसमंडी कपड़ा मार्केट के अग्निकांड में करीब 500 से ज्यादा दुकानें जल गई, जिससे दुकान में रखे करोड़ों के माल जलकर खाक हो गए. वहीं, रविवार को घटनास्थल का जायजा लेने के लिए डीजी फायर अविनाश चंद्र मौके पर पहुंचे. उन्होंने फायरकर्मियों से बातचीत कर घटना को जल्द से जल्द नियंत्रित करने के लिए कहा.

डीजी फायर अविनाश चंद्र ने बताया कि शुक्रवार रात में आग लगने की सूचना प्राप्त हुई थी. इसके बाद घटना का तत्काल संज्ञान लेते हुए जो फायर कर्मी जिस अवस्था में थे, उन्हें उसी अवस्था में घटनास्थल पर भेज दिया गया था. साथ ही 7 जनपदों की 30 गाड़ियां भी इस भयावह आग को बुझाने के लिए लगी हुई हैं. फायरकर्मी भी लगातार बिना रुके आग बुझाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आग पर काफी हद तक काबू भी पा लिया गया है. कॉम्प्लेक्स में कपड़ों का स्टॉक ज्यादा था, जिसकी वजह से आग लगातार सुलग रही है. इसी वजह से कोई फायरकर्मी अंदर नहीं जा पा रहा है. बाहर से ही आग को बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि घटना को पूरी तरीके से नियंत्रित होने में लगभग 18 से 20 घंटे और लगेंगे. उसके बाद ही आग पर पूरी तरीके से काबू पाया जा सकेगा.

डीजी फायर अविनाश चंद्र ने बताया कि यह सभी हाइड्रोलिक गाड़ियां बाहर की हैं. उनके इंजीनियर भी बाहर से ही इनको रिपेयर करने के लिए आते हैं. कोविड-19 की वजह से 2 साल में सिर्फ एक ही बार इनकी मरम्मत के लिए आ सके थे. इसमें उनके द्वारा कई गाड़ियों को ठीक किया गया था. आग को बुझाने के लिए इलाहाबाद और लखनऊ की गाड़ियों को भी इसमें शामिल किया गया है. इसके साथ ही हम बाकी की गाड़ियां जो खराब पड़ी हैं, उन्हे भी अब सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ बनवाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार से गाड़ियों के लिए फंड भी मिल चुका है.

डीजी फायर अविनाश चंद्र ने कहा कि 2005 से पहले की जो बिल्डिंग हैं, उसमें कोई एनओसी की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, यह जो घटना हुई है. यह भी शॉर्ट सर्किट की वजह से हुई है. इस घटना से सबक लेकर घरों और प्रतिष्ठानों पर समय-समय पर इलेक्ट्रिकल वायरिंग की ऑडिट कराते रहना चाहिए, जिससे जो भी तार जर्जर हो चुके हैं, उनको तत्काल रूप से बदला जा सके. लोगों को जागरूक करने के लिए बार-बार अभियान भी चलाया जाता है, जिससे लोगों को सीखना चाहिए.

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