कानपुर: केरल हथिनी प्रकरण में कानपुर में हथिनी को न्याय दिलाने के लिए आरोपियों को फांसी दिए जाने की मांग की गई है. कानपुर के बाबू पुरवा के अजीतगंज में घटना से आक्रोशित लोगों ने हथिनी की फोटो पर पुष्प अर्पित करके अपनी संवेदना प्रकट की. लोगों ने 'हाथी नहीं गणेश है' के भी नारे को बुलंद किया. साथ ही कहा कि हाथी हमारे लिए प्रथम पूज्य हैं. मृतक हथनी के पोस्टर पर श्रद्धांजलि देते हुए आरती उतारी गई. इस मौके पर लोगों ने हाथिनी के हत्यारों को फांसी देने की मांग को भी बुलंद किया.
जानें पूरा मामला
बता दें, कुछ दिन पहले केरल के पलक्कड़ जिले के मन्नारकाड वन प्रभाग में गर्भवती जंगली हथिनी की मौत का मामला सामने आया था, जिसमें हथिनी की पटाखा खाने से मौत हो गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला था कि हथिनी प्रेगनेंट थी. पटाखों से भरा अनानास खिलाए जाने के चलते हथिनी के मुंह में विस्फोट हुआ, जिसके चलते उसके काफी घाव हो गए थे. बेहद गहरे घावों की वजह से हथिनी कुछ खा भी नहीं पा रही थी. इस कारण कमजोरी की वजह से वह पानी में गिरकर डूब गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि पानी में डूबने के कारण हथिनी के फेफड़ों में पानी भर गया था. इस मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया था.
वन विभाग ने सभी आरोपों को किया खारिज
वन विभाग पर आरोप लगा था कि हथिनी के तुंरत इलाज के लिए उसने कोई कदम नहीं उठाया. हालांकि, वन विभाग ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि हथिनी ने दुर्भाग्यवश पटाखे से भरा अनानास खा लिया था. इन पटाखों को इलाके के जंगली सूअरों को निशाना बनाने के लिए रखा गया था. जंगली हथिनी की गत 27 मई को जबड़े और मुंह पर गंभीर चोटें आने के बाद मौत हो गई थी. केरल के मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) और मुख्य वन्यजीव वार्डन सुरेंद्र कुमार ने ये जानकारी ईटीवी भारत से 6 जून को साझा की थी.
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