कानपुर: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भले ही जीरो टॉलरेंस की नीति से काम चाहते हैं, लेकिन प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार चरम पर है. ताजा मामला कानपुर शहर के घाटमपुर तहसील का है. जहां कानपुर एंटी करप्शन टीम ने एक महिला लेखपाल और उसके साथी को रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया. जानकारी के बाद प्रशासन ने लेखपाल को सस्पेंड कर दिया. इसके साथ ही कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
बता दें कि घाटमपुर तहसील निवासी राजेश साहू का अपने 3 भाइयों से जमीन को लेकर काफी सालों से विवाद चल रहा था. वहीं, राजेश साहू अपनी पैतृक जमीन के बंटवारे को लेकर एसडीएम कोर्ट में एक एप्लीकेशन लगाए हुए थे. जिसका मामला कोर्ट में चल रहा है. वहीं, कोर्ट में लेखपाल की रिपोर्ट के बिना संपत्ति का बंटवारा नहीं हो सकता था. जिसके लिए कोर्ट ने लेखपाल की रिपोर्ट मांगी. तहसील में तैनात लेखपाल अंजली यादव ने तीनों भाइयों की संपत्ति के बंटवारे के लिए 7000 रुपए रिश्वत की मांग की. इस बता से परेशान होकर राजेश ने एंटी करप्शन टीम कानपुर में लेखपाल अंजली यादव की शिकायत कर दी.
इसके बाद मंगलवार की शाम पीड़ित राजेश 4 हजार रुपए लेकर तहसील पहुंचे. यहां लेखपाल अंजली यादव ने उन्हें फोटो कॉपी संचालक शिवराज सिंह के यहां रुपये देने की बात कही. इसके बाद शाम को लेखपाल अंजली यादव शिवराज सिंह से रुपये लेने पहुंची. इसी दौरान कानपुर एंटी करप्शन टीम ने उन्हें रंगेहाथ दबोच लिया. इसके साथ ही शिवराज सिंह को भी हिरासत में ले लिया. एंटी करप्शन टीम दोनों को लेकर हनुमंत विहार थाना पहुंची. जहां दोनों पर कानूनी कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कराया. एंटी करप्शन टीम के अधिकारियों ने बताया कि लेखपाल अंजली यादव और शिवराज सिंह को बुधवार की सुबह कोर्ट में पेश किया जाएगा. इसके बाद दोनों पर कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया जाएगा. वहीं, कानपुर डीएम विशाल जी ने जानकारी होने पर लेखपाल को सस्पेंड कर दिया है.
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