कानपुर: शहर के परेड चौराहा से आगे नई सड़क पर 3 जून 2022 को जमकर हिंसा हुई थी. इस हिंसा में उपद्रवियों को फंडिंग करने के आरोप में कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से बिल्डर हाजी वसी को साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. एक साल की रासुका संबंधी मियाद खत्म होने के बाद मंगलवार की देर शाम बिल्डर हाजी वसी को रिहा कर दिया गया.
बता दें कि कानपुर बिल्डर हाजी वसी पर उक्त हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी के लिए फंडिंग करने का आरोप लगा था. जहां जांच पड़ताल के बाद 5 जुलाई 2022 को बिल्डर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. 28 सितंबर को उस पर शासन की मंजूरी के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाकर नियमानुसार कार्रवाई की गई थी. पुलिस के आला अधिकारियों का कहना था कि रासुका एक साल तक तामील रह सकती है. इसी वजह से संबंधित व्यक्ति को रासुका की मियाद खत्म होने तक जेल में रखा जा सकता है. कई मामलों में जमानत मिलने के बावजूद हाजी वसी को एक साल से पहले बाहर आने के सारे रास्ते भी इसी वजह से बंद हो गए थे. हालांकि इस हिंसा के मामले में उनके बेटे अब्दुल रहमान को बीते साल 10 अक्टूबर को ही जमानत मिल गई थी.
संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि नई सड़क बवाल मामले में कुल 3 मुकदमे दर्ज किए गए थे. इसके अलावा 56 ऐसे आरोपी थे, जिन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. इसी मामले में हाजी वसी के साथ मुख्तार बाबा, शफीक और अकील खिचड़ी पर गैंग्स्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी. इसके साथ ही बिल्डर हाजी वसी पर रासुका की कार्रवाई की गई थी. इसके साथ ही कई आरोपी अभी भी इस मामले में जेल में बंद हैं.
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