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संजीत अपहरण हत्याकांड: अपराधियों के नार्को टेस्ट के लिए कोर्ट ने दी मंजूरी

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Published : Aug 21, 2020, 7:43 PM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में संजीत यादव अपहरण और हत्याकांड के बाद अभी भी पुलिस के हाथ कोई साक्ष्य नहीं लगे हैं. पुलिस आरोपियों का नार्को टेस्ट करवाने के लिए कोर्ट में अपील की थी. कोर्ट ने उनकी अपील को मानते हुए 24 अगस्त को नार्को टेस्ट की मंजूरी दे दी है.

sanjit kidnapping murder case
एसपी साउथ दीपक भूकर

कानपुर: संजीत अपहरण हत्याकांड मामले में तेजी आई है. हाल ही में खोजबीन के दौरान एसपी साउथ ने बर्रा पुलिस टीम के साथ मिलकर दो मोबाइल खोज निकाले थे. वहीं एक मोबाइल संजीत का बताया जा रहा है और दूसरा वह मोबाइल है, जिससे फिरौती की रकम मांगी गई थी. कानपुर पुलिस ने संजीत अपहरण हत्याकांड में पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ नार्को टेस्ट के लिए मांग की थी. कोर्ट ने कानपुर जेल में बंद अपराधियों को 24 अगस्त को नार्को टेस्ट की मंजूरी दे दी है.

नार्को टेस्ट के लिए कोर्ट ने दी मंजूरी.

एसपी साउथ दीपक भूकर द्वारा दो टीमों का गठन किया गया था. जिसमें एक टीम को संजीत के शव और मोबाइल को खोजना था, वहीं दूसरी टीम को संजीत के फिरौती वाले बैग को खोजना था. लगातार खोजबीन के बाद 2 दिन पूर्व संजीत का मोबाइल और फिरौती वाला मोबाइल बरामद हुआ था, अब लगातार संजीत के शव के लिए सर्च ऑपरेशन पांडु नदी में चलाया जा रहा है. संजीत हत्याकांड मामले में बंद अपराधियों के लिए नार्को टेस्ट की अपील की गई थी. जिसको कोर्ट ने मंजूर करते हुए 24 अगस्त की तारीख तय कर दी है.

क्या है पूरा मामला
कानपुर के बर्रा से 22 जून को लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का अपहरण हो गया था. 26 जून को उसकी हत्याकर लाश पांडु नदी में फेंक दी गई थी. 23 जुलाई की रात पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए संजीत के दोस्त कुलदीप, रामबाबू समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने बताया था कि कुलदीप संजीत के साथ सैंपल कलेक्शन का काम करता था. उसने रतनलाल नगर में किराए पर कमरा ले रखा था. 22 जून की रात शराब पिलाने के बहाने वह संजीत को अपने कमरे में लाया था. इसके बाद उसे बंधक बना लिया था. चार दिन तक बेहोशी के इंजेक्शन देकर उसे बंधक बनाकर रखा था. 26 जून को कुलदीप ने अपने दोस्त रामबाबू और तीन अन्य के साथ मिलकर संजीत की हत्या कर दी थी. इसके बाद कुलदीप शव को अपनी कार में रखकर पांडु नदी में फेंक आया था.

कानपुर: संजीत अपहरण हत्याकांड मामले में तेजी आई है. हाल ही में खोजबीन के दौरान एसपी साउथ ने बर्रा पुलिस टीम के साथ मिलकर दो मोबाइल खोज निकाले थे. वहीं एक मोबाइल संजीत का बताया जा रहा है और दूसरा वह मोबाइल है, जिससे फिरौती की रकम मांगी गई थी. कानपुर पुलिस ने संजीत अपहरण हत्याकांड में पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ नार्को टेस्ट के लिए मांग की थी. कोर्ट ने कानपुर जेल में बंद अपराधियों को 24 अगस्त को नार्को टेस्ट की मंजूरी दे दी है.

नार्को टेस्ट के लिए कोर्ट ने दी मंजूरी.

एसपी साउथ दीपक भूकर द्वारा दो टीमों का गठन किया गया था. जिसमें एक टीम को संजीत के शव और मोबाइल को खोजना था, वहीं दूसरी टीम को संजीत के फिरौती वाले बैग को खोजना था. लगातार खोजबीन के बाद 2 दिन पूर्व संजीत का मोबाइल और फिरौती वाला मोबाइल बरामद हुआ था, अब लगातार संजीत के शव के लिए सर्च ऑपरेशन पांडु नदी में चलाया जा रहा है. संजीत हत्याकांड मामले में बंद अपराधियों के लिए नार्को टेस्ट की अपील की गई थी. जिसको कोर्ट ने मंजूर करते हुए 24 अगस्त की तारीख तय कर दी है.

क्या है पूरा मामला
कानपुर के बर्रा से 22 जून को लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का अपहरण हो गया था. 26 जून को उसकी हत्याकर लाश पांडु नदी में फेंक दी गई थी. 23 जुलाई की रात पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए संजीत के दोस्त कुलदीप, रामबाबू समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने बताया था कि कुलदीप संजीत के साथ सैंपल कलेक्शन का काम करता था. उसने रतनलाल नगर में किराए पर कमरा ले रखा था. 22 जून की रात शराब पिलाने के बहाने वह संजीत को अपने कमरे में लाया था. इसके बाद उसे बंधक बना लिया था. चार दिन तक बेहोशी के इंजेक्शन देकर उसे बंधक बनाकर रखा था. 26 जून को कुलदीप ने अपने दोस्त रामबाबू और तीन अन्य के साथ मिलकर संजीत की हत्या कर दी थी. इसके बाद कुलदीप शव को अपनी कार में रखकर पांडु नदी में फेंक आया था.

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