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करार के बाद भी भाग गई कंपनी, नहीं शुरू हो सकी कूड़े से बिजली बनाने की योजना - कानपुर नगर निगम

कानपुर जिले में कूड़े से बिजली बनाने की योजना के सिरे नहीं चढ़ पाई. अब नगर निगम कूड़े से खाद बना रहा है. कूड़े से बिजली बनाने के लिए नगर निगम ने साल 2017 में एक निजी कंपनी से करार किया था.

कूड़े से बिजली बनाने की योजना पर नहीं हो सका काम.
कूड़े से बिजली बनाने की योजना पर नहीं हो सका काम.
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Published : Jan 17, 2021, 8:19 PM IST

कानपुर: यूपी के प्रदूषित शहरों की सूची में कानपुर पहले पहले स्थान पर है. वहीं जिले का नाम देश के सबसे प्रदूषित शहरों में भी शामिल है. जिले में प्रशासन और नगर निगम का सफाई अभियान फेल साबित हो रहा है. जगह-जगह कूडे़ का ढेर लगा रहता है. शहर को कूड़ा मुक्त करने के लिए नगर निगम ने कूड़े से बिजली बनाने की योजना बनाई थी, जो सिरे नहीं चढ़ पाई.

नहीं सिरे चढ़ पाई कूड़े से बिजली बनाने की योजना

नगर निगम ने एक निजी कंपनी के साथ करार कर कूड़े से बिजली बनाने की योजना बनाई थी. नगर आयुक्त ने बताया कि कंपनी के चले जाने के बाद यह काम रूक गया है. नगर निगम के अनुसार साल 2017 में कूड़े से बिजली बनाने के लिए एख निजी कंपनी के साथ दो साल का करार किया गया था. वहीं नगर आयुक्त ने बताया कि अगले साल तक जिले में दो पावर प्लांट भी बनकर तैयार हो जाएंगे. ऐसे में अधर में चल रही कूड़े से बिजली बनाने की योजना को अब नए सिरे से नहीं शुरू किया जाएगा.

सिरे नहीं चढ़ पाई कूड़े से बिजली बनाने की योजना.


कूड़े से बनाई जा रही खाद
नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने कहा कि कूड़े के निस्तारण का जिम्मा नगर निगम ने उठाया है. इसे लेकर अभियान भी चलाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पहले कूड़ा निस्तारण का जिम्मा एक निजी कंपनी के पास था, जिसे अब निगम ने अपने हाथों में लिया है. नगर आयुक्त ने बताया कि कूड़े से कंपोस्ट खाद बनाई जा रही है. इससे शहर कूड़ा मुक्त होगा और खाद भी किसानों के काम आएगी.

कानपुर: यूपी के प्रदूषित शहरों की सूची में कानपुर पहले पहले स्थान पर है. वहीं जिले का नाम देश के सबसे प्रदूषित शहरों में भी शामिल है. जिले में प्रशासन और नगर निगम का सफाई अभियान फेल साबित हो रहा है. जगह-जगह कूडे़ का ढेर लगा रहता है. शहर को कूड़ा मुक्त करने के लिए नगर निगम ने कूड़े से बिजली बनाने की योजना बनाई थी, जो सिरे नहीं चढ़ पाई.

नहीं सिरे चढ़ पाई कूड़े से बिजली बनाने की योजना

नगर निगम ने एक निजी कंपनी के साथ करार कर कूड़े से बिजली बनाने की योजना बनाई थी. नगर आयुक्त ने बताया कि कंपनी के चले जाने के बाद यह काम रूक गया है. नगर निगम के अनुसार साल 2017 में कूड़े से बिजली बनाने के लिए एख निजी कंपनी के साथ दो साल का करार किया गया था. वहीं नगर आयुक्त ने बताया कि अगले साल तक जिले में दो पावर प्लांट भी बनकर तैयार हो जाएंगे. ऐसे में अधर में चल रही कूड़े से बिजली बनाने की योजना को अब नए सिरे से नहीं शुरू किया जाएगा.

सिरे नहीं चढ़ पाई कूड़े से बिजली बनाने की योजना.


कूड़े से बनाई जा रही खाद
नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने कहा कि कूड़े के निस्तारण का जिम्मा नगर निगम ने उठाया है. इसे लेकर अभियान भी चलाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पहले कूड़ा निस्तारण का जिम्मा एक निजी कंपनी के पास था, जिसे अब निगम ने अपने हाथों में लिया है. नगर आयुक्त ने बताया कि कूड़े से कंपोस्ट खाद बनाई जा रही है. इससे शहर कूड़ा मुक्त होगा और खाद भी किसानों के काम आएगी.

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