कानपुर: जहां एक तरफ प्रदेश सरकार ने जल संरक्षण के लिए राज्यव्यापी अभियान शुरू किया है तो वहीं कानपुर के कमिश्नर ने भी कानपुर महानगर में जल संरक्षण को लेकर एक महा अभियान का शुभारंभ किया है. इसी क्रम में बुधवार को जल संरक्षण को लेकर जांच करने और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की कार्यक्षमता का अध्ययन करने के लिए कमिश्नर राजशेखर ने पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर में इंस्टिट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट एंड ट्रेनिंग का दौरा किया.
![commissioner raj shekhar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-kan-06a-water-conservation-commissioner-pkg-7203460_03022021204444_0302f_1612365284_518.jpg)
बता दें कि प्रदेश सरकार ने इस योजना के तहत सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया है कि सभी सरकारी भवन जिनकी छत का क्षेत्र 300 वर्ग मीटर से अधिक है, उसमें रूफटॉप वर्षा जल संचय सुविधा होनी चाहिए.
![commissioner raj shekhar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-kan-06a-water-conservation-commissioner-pkg-7203460_03022021204444_0302f_1612365284_91.jpg)
कानपुर में हैं 15 हजार इमारतें
कानपुर डिवीजन में लगभग 15 हजार सरकारी इमारतें हैं. इनमें से रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगभग 2500 इमारतों में उपलब्ध है. अगले 1 साल में बची हुई 12500 सरकारी भवनों में रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जाएगी.
![commissioner raj shekhar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-kan-06a-water-conservation-commissioner-pkg-7203460_03022021204444_0302f_1612365284_702.jpg)
कमिश्नर ने देखा जल संचयन मॉडल
आयुक्त ने आईआरडीटी कार्यालय, पॉलिटेक्निक परिसर में भूजल विभाग द्वारा किए गए मॉडल वर्षा जल संचयन प्रणाली का दौरा किया. बता दें कि यह नवनिर्मित मॉडल है और इसे 1 महीने पहले पूरा किया गया था. इसमें 4 चेंबर हैं और प्रति वर्ष लगभग 300 वर्ग मीटर में 1000 लीटर पानी का संरक्षण किया जा सकता है. इसकी लागत लगभग 25 लाख रुपये है. कमिश्नर ने जिलाधिकारियों को वर्षा जल संचयन व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया है.