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कोरोना सॉन्ग का सारांश, 'ये कैसी महामारी, जिससे दुनिया भी हारी'....

अनलॉक-5 गाइडलाइंस के तहत स्कूल-कॉलेज और सिनेमाघरों को खोलने के निर्देश शासन द्वारा भले ही दे दिए गए हों, लेकिन अभी कोविड-19 का खतरा टला नहीं है. संक्रमण के खतरे से कैसे पार पाया जया, इसका संदेश लोगों तक पहुंचाने के लिए कानपुर के दो बाल कलाकारों ने एक मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुति दी. सुनिए कलाकारों की अद्भुत प्रस्तुति.

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कानपुर के बाल कलाकार की प्रस्तुति.
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Published : Oct 10, 2020, 8:45 PM IST

कानपुर: कोरोना महामारी के बीच जिंदगी को एक बार फिर रफ्तार देने की मंशा से केंद्र और राज्य सरकारों ने देश को धीरे-धीरे अनलॉक कर दिया है. लेकिन जब तक कोविड-19 की वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक करोना का संकट खत्म नहीं हुआ है. कोरोना से कैसे लड़ा जाय? क्या सावधानियां बरतें? इस पर कानपुर के एक नन्हे कलाकार ने बहुत ही सुंदर गीत लिखा है, जो कोविड-19 के प्रति लोगों को जागरूक कर रहा है, लोग इसे खासा पसंद कर रहे हैं. सुनिए ईटीवी भारत पर मंत्रमुग्ध कर देने वाले नन्हे कलाकारों की सुर-ताल....

कानपुर के बाल कलाकार की प्रस्तुति.
कोरोना को हराना है
'कोरोना को हराना है' शीर्षक के नाम से गाये गये गीत को लिखा है, जय नारायण विद्या मंदिर में पढ़ने वाले कक्षा 9 के छात्र सारांश बंसल ने. सारांश ने कोरोना के बाद लगे लॉकडाउन में गीत के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम किया है. इसके लिए उन्होंने कई गीतों की रचना की. तबले की थाप पर सारांश और उनके छोटे भाई दिव्यांश ने हारमोनियम की सुरीली धुन से इस गीत पर चार-चांद लगा दिए.

'तबले में जान बसती है'
कलाकार सारांश बताते हैं कि उन्हें तबले से बहुत ही प्यार है या यूं कहें कि इसमें हमारी जान बसती है. देश के बड़े तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन की झलक सारांश के तबले की थाप में देखने को मिलती है.


सारांश का रिकॉर्ड
सारांश ने रागांस गुरुकुल द्वारा महाराष्ट्र मंडल के सभागार में आयोजित शूटिंग में लगातार 12 घंटे तबला और कांगो बजाते हुए रिकॉर्ड भी बनाया था.

देश का नाम रौशन करने का सपना
सारांश ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि वह बड़े होकर तबले में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर देश का मान बढ़ाना चाहते हैं. सारांश कहते हैं कि कोरोना महामारी के वक्त हमें बहुत ही सावधान रहने की जरूरत है. कोरोना में सावधानी के सभी नियम का पालन करना चाहिए, इसी से हम अपनी सुरक्षा के साथ लोगों में संक्रमण फैलने से रोक सकते हैं.

कानपुर: कोरोना महामारी के बीच जिंदगी को एक बार फिर रफ्तार देने की मंशा से केंद्र और राज्य सरकारों ने देश को धीरे-धीरे अनलॉक कर दिया है. लेकिन जब तक कोविड-19 की वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक करोना का संकट खत्म नहीं हुआ है. कोरोना से कैसे लड़ा जाय? क्या सावधानियां बरतें? इस पर कानपुर के एक नन्हे कलाकार ने बहुत ही सुंदर गीत लिखा है, जो कोविड-19 के प्रति लोगों को जागरूक कर रहा है, लोग इसे खासा पसंद कर रहे हैं. सुनिए ईटीवी भारत पर मंत्रमुग्ध कर देने वाले नन्हे कलाकारों की सुर-ताल....

कानपुर के बाल कलाकार की प्रस्तुति.
कोरोना को हराना है
'कोरोना को हराना है' शीर्षक के नाम से गाये गये गीत को लिखा है, जय नारायण विद्या मंदिर में पढ़ने वाले कक्षा 9 के छात्र सारांश बंसल ने. सारांश ने कोरोना के बाद लगे लॉकडाउन में गीत के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम किया है. इसके लिए उन्होंने कई गीतों की रचना की. तबले की थाप पर सारांश और उनके छोटे भाई दिव्यांश ने हारमोनियम की सुरीली धुन से इस गीत पर चार-चांद लगा दिए.

'तबले में जान बसती है'
कलाकार सारांश बताते हैं कि उन्हें तबले से बहुत ही प्यार है या यूं कहें कि इसमें हमारी जान बसती है. देश के बड़े तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन की झलक सारांश के तबले की थाप में देखने को मिलती है.


सारांश का रिकॉर्ड
सारांश ने रागांस गुरुकुल द्वारा महाराष्ट्र मंडल के सभागार में आयोजित शूटिंग में लगातार 12 घंटे तबला और कांगो बजाते हुए रिकॉर्ड भी बनाया था.

देश का नाम रौशन करने का सपना
सारांश ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि वह बड़े होकर तबले में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर देश का मान बढ़ाना चाहते हैं. सारांश कहते हैं कि कोरोना महामारी के वक्त हमें बहुत ही सावधान रहने की जरूरत है. कोरोना में सावधानी के सभी नियम का पालन करना चाहिए, इसी से हम अपनी सुरक्षा के साथ लोगों में संक्रमण फैलने से रोक सकते हैं.

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