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कानपुर: सूरत हादसे के बाद प्रशासन अलर्ट, काकादेव कोचिंग मंडी का लिया जायजा

कानपुर के काकादेव कोचिंग मंडी में चीफ फायर ऑफिसर और क्षेत्रीय पुलिस की टीम ने कई कोचिंग सेंटरों का जायजा लिया. इस चेकिंग अभियान में कई कोचिंग सेंटरों में फायर उपकरण पूरी तरह से ध्वस्त दिखाई दिए. हालांकि इस पर कार्रवाई किए जाने की बात भी कही गई.

कानपुर प्रशासन ने फायर सिस्टम का लिया जायजा.
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Published : May 25, 2019, 9:30 PM IST


कानपुर: सूरत में दिल दहला देने वाले अग्निकाण्ड के बाद उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी कोचिंग मण्डी काकादेव में दहशत का माहौल है. काकादेव में ढाई सौ से अधिक कोचिंग संस्थान एक साथ चलते हैं. एक रियल्टी चेक में इन कोचिंग संस्थानों में आग या किसी अन्य हादसे से निपटने के उपाय नाकाफी हैं. वहीं अग्नि शमन विभाग, नगर निगम और विकास प्राधिकरण जैसे जिम्मेदार संस्थाएं आंख मूंदे हुई हैं.

कानपुर प्रशासन ने फायर सिस्टम का लिया जायजा.

काकादेव में कोचिंग सेंटरों की लापरवाही
⦁ काकादेव के सत्तर प्रतिशत से अधिक कोचिंग संचालक फायर डिपार्टमेण्ट की एनओसी नहीं दिखा सके.
⦁ जिनके पास एनओसी थी वो भी केवल संस्थान में लगे अग्निशमन उपकरण के एक्टिव होने का प्रमाण पत्र भर था.
⦁ इमारत के निर्माण के साथ अग्नि सुरक्षा उपाय, आपातकालीन निकास द्वार, धुंआ निकलने के लिये खिड़कियों को लेकर फायर डिपार्टमेंट ने कोई आपत्ति नहीं जतायी थी.
⦁ एनओसी के नाम यहां केवल खानापूर्ति की गई है.
⦁ वहीं कानपुर के चीफ फायर ऑफिसर और क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी की टीम के साथ कई कोचिंग सेंटरों में चेकिंग अभियान चलाया गया.
⦁ इनमें से कई जगहों पर फायर उपकरण पूरी तरह से ध्वस्त दिखाई दिए.


कानपुर: सूरत में दिल दहला देने वाले अग्निकाण्ड के बाद उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी कोचिंग मण्डी काकादेव में दहशत का माहौल है. काकादेव में ढाई सौ से अधिक कोचिंग संस्थान एक साथ चलते हैं. एक रियल्टी चेक में इन कोचिंग संस्थानों में आग या किसी अन्य हादसे से निपटने के उपाय नाकाफी हैं. वहीं अग्नि शमन विभाग, नगर निगम और विकास प्राधिकरण जैसे जिम्मेदार संस्थाएं आंख मूंदे हुई हैं.

कानपुर प्रशासन ने फायर सिस्टम का लिया जायजा.

काकादेव में कोचिंग सेंटरों की लापरवाही
⦁ काकादेव के सत्तर प्रतिशत से अधिक कोचिंग संचालक फायर डिपार्टमेण्ट की एनओसी नहीं दिखा सके.
⦁ जिनके पास एनओसी थी वो भी केवल संस्थान में लगे अग्निशमन उपकरण के एक्टिव होने का प्रमाण पत्र भर था.
⦁ इमारत के निर्माण के साथ अग्नि सुरक्षा उपाय, आपातकालीन निकास द्वार, धुंआ निकलने के लिये खिड़कियों को लेकर फायर डिपार्टमेंट ने कोई आपत्ति नहीं जतायी थी.
⦁ एनओसी के नाम यहां केवल खानापूर्ति की गई है.
⦁ वहीं कानपुर के चीफ फायर ऑफिसर और क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी की टीम के साथ कई कोचिंग सेंटरों में चेकिंग अभियान चलाया गया.
⦁ इनमें से कई जगहों पर फायर उपकरण पूरी तरह से ध्वस्त दिखाई दिए.

Intro:कानपुर :- सूरत में हुए दर्दनाक हादसे के बाद कानपुर पुलिस प्रशासन भी हुआ सतर्क , कोचिंग मंडी का लिया जायजा ।

एंकर---गुजरात के सूरत शहर में दिल दहला देने वाले अग्निकाण्ड के बाद उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी कोचिंग मण्डी काकादेव में दहशत का मौहाल है । ये इलाका कानपुर नगर का हिस्सा है जहाॅ ढाई सौ से अधिक कोचिंग संस्थान एक साथ चलते हैं और तीन लाख विद्यार्थी यहाॅ रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता है।  एक रियलटी चेक में इन कोचिंग संस्थानों में आग या किसी अन्य हादसे से निपटने के उपाय नाकाफी होने और अग्नि शमन विभाग, नगर निगम और विकास प्राधिकरण जैसे जिम्मेदार संस्थाओं के आँख मूॅद रखने की सच्चाई सामने आयी। 
  


Body:काकादेव केे सत्तर प्रतिशत से अधिक कोचिंग संचालक फायर डिपार्टमेण्ट की एनओसी नहीं दिखा सके लेकिन जिनके पास एनओसी का कागज था तो उसके पीछे भी एक बड़ा खेल नजर आया। ये एनओसी केवल संस्थान में लगे अग्निशमन उपकरण के एक्टिव होने का प्रमाण पत्र था। कोचिंग की इमारत का निर्माण क्या अग्नि सुरक्षा उपायों के साथ किया गया है, क्या उनमें सेट बैक छोड़ा गया है, क्या आपातकालीन निकास द्वार बनाया गया है। आग लगने की दशा में धुॅआ निकलने के लिये खिड़कियाॅ बनी है अथवा नहीं, इनपर फायर डिपार्टमेण्ट ने कोई आपत्ति नहीं जतायी हुई थी। एनओसी के पेपर पर छोटे छोटे अक्षरों में वर्णित किया हुआ था कि ये अपेक्षा की जाती है कि इमारत में अग्नि सुरक्षा अधिनियम 2005 का पालन किया जाएगा ।  साफ है कि एनओसी के नाम पर ये खानापूरी  खैरात नहीं की गयी होगी,  इसके लिये जिम्मेदार अधिकारियों की अच्छी खासी खातिरदारी की जाती होगी। काकादेव में रहने वाले क्षेत्रीय नागरिक भी यहाॅ के हालातों से बेहद डरे रहते हैं। उनका कहना है कि अगर कोई हादसा हो जाय तो उन्हें जिन्दगी भर डराने वाले मंजर देखने पड़ सकते हैं।उधर आज कानपुर में चीफ फायर ऑफिसर और क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी के डी ए की टीम के साथ कई कोचिंग में गए जहा पर कई जगहों पर तो फायर उपकरण पूरी तरह से ध्वस्त दिखाई दिए।जिस पर उन्होंने उनके खिलाफ कार्यवाही की भी बात कही।
बाइट--अजीत सिंह रजक सी ओ नजीराबाद 
बाइट--मयंक कुमार सिंह सी ऍफ़ ओ 

अखण्ड प्रताप सिंह
कानपुर ।


Conclusion:
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