कानपुर: सूरत में दिल दहला देने वाले अग्निकाण्ड के बाद उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी कोचिंग मण्डी काकादेव में दहशत का माहौल है. काकादेव में ढाई सौ से अधिक कोचिंग संस्थान एक साथ चलते हैं. एक रियल्टी चेक में इन कोचिंग संस्थानों में आग या किसी अन्य हादसे से निपटने के उपाय नाकाफी हैं. वहीं अग्नि शमन विभाग, नगर निगम और विकास प्राधिकरण जैसे जिम्मेदार संस्थाएं आंख मूंदे हुई हैं.
काकादेव में कोचिंग सेंटरों की लापरवाही
⦁ काकादेव के सत्तर प्रतिशत से अधिक कोचिंग संचालक फायर डिपार्टमेण्ट की एनओसी नहीं दिखा सके.
⦁ जिनके पास एनओसी थी वो भी केवल संस्थान में लगे अग्निशमन उपकरण के एक्टिव होने का प्रमाण पत्र भर था.
⦁ इमारत के निर्माण के साथ अग्नि सुरक्षा उपाय, आपातकालीन निकास द्वार, धुंआ निकलने के लिये खिड़कियों को लेकर फायर डिपार्टमेंट ने कोई आपत्ति नहीं जतायी थी.
⦁ एनओसी के नाम यहां केवल खानापूर्ति की गई है.
⦁ वहीं कानपुर के चीफ फायर ऑफिसर और क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी की टीम के साथ कई कोचिंग सेंटरों में चेकिंग अभियान चलाया गया.
⦁ इनमें से कई जगहों पर फायर उपकरण पूरी तरह से ध्वस्त दिखाई दिए.