कानपुर: चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्विद्यालय (सीएसए) के वैज्ञानिकों ने शोध करके ऐसा छेना तैयार किया है. जिसके सेवन से एक ओर जहां शुगर, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखेगा तो वहीं दूसरी ओर इम्यूनिटी भी बढ़ाएगा. जी हां यूनिवर्सिटी के पशुपालन विभाग ने शोध कर मोरिंगा (सहजन) छेना तैयार किया है. शोधकर्ताओं का दावा है कि मोरिंगा छेना में प्रोटीन और विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इतना ही नही मोरिंगा छेना स्प्रेड स्वास्थ्य भी, स्वाद भी की तर्ज कर बटर से ज्यादा उपयोगी है. यह बड़ी ही किफायती दरों पर आमोखास के किचन का हिस्सा भी बन सकता है.
यूनिवर्सिटी में हुआ शोध
सीएसए के पशुपालन विभाग के विभागाध्यक्ष एमपीएस यादव के नेतृत्व में पीएचडी के शोधकर्ता छात्र आलोक राय ने मोरिंगा यानी सहजन की पत्तियों से छेना तैयार किया है. छात्र का दावा है कि यह छेना स्वाद के साथ ही सेहत का भी ख्याल रखेगा. मोरिंगा छेना से बने रसगुल्ले और मिठाइयां की खासियत यह है कि इसका सेवन अब शुगर और बीपी के मरीज भी कर सकेंगे.
ऐसे तैयार हुआ मोरिंगा (सहजन) छेना
पशुपालन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एमपीएस यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि मोरिंगा (सहजन) की 300 ग्राम पत्तियों को 10 से 15 मिनट तक उबाल कर ठंडा कर पत्तियों को अलग कर अर्क को तैयार कर लिया गया. फिर मोरिंगा के अर्क को मिश्रण कर दूध से बने छेने में मिला दिया गया. इससे तैयार की गई मिठाइयां बहुत ही गुणकारी साबित हुई.
बटर और चीज का स्वास्थवर्धक विकल्प बना मोरिंगा स्प्रेड
अक्सर ब्रेड-बटर हमारे नाश्ते का प्रमुख सोर्स है, जबकि चीज के इस्तेमाल से फास्ट फूड तैयार किया जाता है. इसमें सबसे ज्यादा फैट पाया जाता है जो हमारे लिए मोटापा और हार्ट की बीमारियों की मुख्य वजह बनता जा रहा है. जबकि सहजन की पत्तियों से बना मोरिंगा स्प्रेड ना सिर्फ लाभप्रद है. बल्कि किफायती होने के साथ आम लोग भी इसका इस्तेमाल बड़े चाव से कर पाएंगे.
मोरिंगा (सहजन) के फायदे
सहजन का बोटानिकल नाम मोरिंगा होता है. पौष्टिकता से भरपूर मोरिंगा में विटामिन सी की अधिकता है. एन्टी ऑक्सिडेंट से भरपूर रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है. कम कोलेस्ट्रॉल की वजह उच्च रक्तचाप और शुगर को भी नियंत्रित करने में सहायक है. अब विश्विद्यालय मोरिंगा छेना का पेटेंट कराने की दिशा में भी कार्य कर रहा है.