कानपुर: वैसे तो खाकी आम आदमी की सुरक्षा के लिए मुस्तैद रहती है. लेकिन, 24 फरवरी को 3 पुलिसकर्मियों ने कानपुर देहात के हार्डवेयर व्यापारी को हाईवे पर जांच के दौरान लूट लिया था. डरा-धमकाकर पुलिसकर्मियों ने व्यापारी से मौके पर ही 3.50 लाख रुपये ले लिए थे और फरार हो गए थे. मामला सामने आने के बाद विभाग की किरकिरी होते देख सचेंडी थाना पुलिस ने कार्रवाई कर तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था. अब, आला अफसरों की जांच में तीनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं. सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. इस मामले की चर्चा शहर के पुलिस महकमे के साथ-साथ पूरे सूबे में जमकर हुई थी.
गौरतलब है कि शहर के आला अफसरों ने इस मामले में दोषी तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के निर्देश भी जारी किए थे. इस वारदात को अंजाम देने में जो 3 पुलिसकर्मी शामिल थे. उनमें स्वाट टीम में तैनात दरोगा यतीश कुमार, हेड कांस्टेबल अब्दुल राफे और सचेंडी थाना में तैनात ट्रेनी दरोगा रोहित सिंह थे. इन पर एफआईआर दर्ज कर इन्हें जेल भेज दिया गया था.
यतीश और अब्दुल राफे को किया जाएगा बर्खास्त: कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसरों ने बताया कि मामले में तीनों आरोपी फिलहाल जेल में बंद हैं. कोर्ट में जो चार्जशीट दाखिल की गई है, उसमें अब्दुल राफे को मुख्य आरोपी बनाया गया है. उसने लूट की साजिश रची थी, वहीं अन्य दो पुलिस कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है. अब यतीश कुमार और अब्दुल राफे को बर्खास्त किया जाएगा. दरोगा रोहित सिंह को पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड के निर्देश पर पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है. वहीं, एसपी पनकी ने कहा कि हार्डवेयर कारोबारी से लूट के मामले में तीन आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. विभागीय जांच में सभी पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं.
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