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निर्यात की रेटिंग के लिए कारोबार सीमा घटी, निर्यातकों के लिए छा जाने का मौका - नई विदेश नीति

निर्यातकों को बड़ी राहत मिली है. अब उन्हें फाइव स्टार रेटिंग के लिए काफी मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी. उन्हें यह रेटिंग मिलने में अब काफी सहूलियत मिलेगी. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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निर्यातकों के लिए कारोबार सीमा घटी, अब छा जाने का मौका देगा विदेश मंत्रालय
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Published : Apr 22, 2023, 7:56 PM IST

कानपुर: पिछले पांच सालों में यूपी के निर्यात के आंकड़ों को देखेंगे तो उसका ग्राफ ऊंचाई की ओर बढ़ता दिखेगा. इसी वजह से जो विदेश मंत्रालय ने एक अप्रैल को नई विदेश व्यापार नीति लागू की है, उसमें निर्यातकों को पहले से अधिक सहूलियतें दे दी गईं हैं यानी, निर्यातकों का हौसला बढ़ सके इसके लिए अब विदेश मंत्रालय ने निर्यातकों के कारोबार को देखते हुए की जाने वाली रेटिंग में पिछले सालों की अपेक्षा कई बदलाव कर दिए हैं. बानगी के तौर पर अगर किसी निर्यातक को फाइव स्टार रेटिंग में अपना नाम दर्ज कराना है, तो उसे पिछले सालों की तरह 2000 मिलियन यूएस डॉलर के सालाना कारोबार की तुलना में महज 800 मिलियन यूएस डॉलर कारोबार करना होगा. इतने कारोबार पर ही निर्यातकों को फाइव स्टार रेटिंग मिल जाएगी.

फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो) के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि रेटिंग के नए पैमाने से निर्यातकों में होड़ तो मचेगी. हालांकि निश्चित तौर पर कारोबार में भी वृद्धि होगी. दरअसल, यूपी से अभी तक एक लाख 70 हजार करोड़ का सालाना कारोबार इस सत्र में हो चुका है जबकि पिछले साल यह आंकड़ा एक लाख 56 हजार करोड़ रुपये के आसपास था. अब 2030 तक फियो ने यूपी से सालाना कारोबार को 200 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है,

एक नजर नई रेटिंग के लिए कारोबार पर
(1) वन स्टार रेटिंग: तीन मिलियन यूएस डॉलर
(2) टू स्टार रेटिंग: 15 मिलियन यूएस डॉलर (पहले यह 25 मिलियन यूएस डॉलर था)
(3) थ्री स्टार रेटिंग: 50 मिलियन यूएस डॉलर (पहले यह 100 मिलियन यूएस डॉलर था)
(4) फोर स्टार रेटिंग: 200 मिलियन यूएस डॉलर (पहले यह 500 मिलियन यूएस डॉलर था)
(5) फाइव स्टार रेटिंग: 800 मिलियन यूएस डॉलर (पहले यह 2000 मिलियन यूएस डॉलर था)

ये भी पढ़ेंः हमीरपुर में कुएं में उतरे पिता और दो बेटों की जहरीली गैस से मौत

कानपुर: पिछले पांच सालों में यूपी के निर्यात के आंकड़ों को देखेंगे तो उसका ग्राफ ऊंचाई की ओर बढ़ता दिखेगा. इसी वजह से जो विदेश मंत्रालय ने एक अप्रैल को नई विदेश व्यापार नीति लागू की है, उसमें निर्यातकों को पहले से अधिक सहूलियतें दे दी गईं हैं यानी, निर्यातकों का हौसला बढ़ सके इसके लिए अब विदेश मंत्रालय ने निर्यातकों के कारोबार को देखते हुए की जाने वाली रेटिंग में पिछले सालों की अपेक्षा कई बदलाव कर दिए हैं. बानगी के तौर पर अगर किसी निर्यातक को फाइव स्टार रेटिंग में अपना नाम दर्ज कराना है, तो उसे पिछले सालों की तरह 2000 मिलियन यूएस डॉलर के सालाना कारोबार की तुलना में महज 800 मिलियन यूएस डॉलर कारोबार करना होगा. इतने कारोबार पर ही निर्यातकों को फाइव स्टार रेटिंग मिल जाएगी.

फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो) के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि रेटिंग के नए पैमाने से निर्यातकों में होड़ तो मचेगी. हालांकि निश्चित तौर पर कारोबार में भी वृद्धि होगी. दरअसल, यूपी से अभी तक एक लाख 70 हजार करोड़ का सालाना कारोबार इस सत्र में हो चुका है जबकि पिछले साल यह आंकड़ा एक लाख 56 हजार करोड़ रुपये के आसपास था. अब 2030 तक फियो ने यूपी से सालाना कारोबार को 200 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है,

एक नजर नई रेटिंग के लिए कारोबार पर
(1) वन स्टार रेटिंग: तीन मिलियन यूएस डॉलर
(2) टू स्टार रेटिंग: 15 मिलियन यूएस डॉलर (पहले यह 25 मिलियन यूएस डॉलर था)
(3) थ्री स्टार रेटिंग: 50 मिलियन यूएस डॉलर (पहले यह 100 मिलियन यूएस डॉलर था)
(4) फोर स्टार रेटिंग: 200 मिलियन यूएस डॉलर (पहले यह 500 मिलियन यूएस डॉलर था)
(5) फाइव स्टार रेटिंग: 800 मिलियन यूएस डॉलर (पहले यह 2000 मिलियन यूएस डॉलर था)

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