लखनऊ/कानपुर: यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री कमलरानी वरुण का पार्थिव शरीर उनके निजी निवास (कानपुर के बर्रा 4) से अंतिम संस्कार के लिए भैरव घाट निकला. कमल रानी वरुण 18 जुलाई को कोरोना संक्रमित पाई गई थीं. इसके बाद उन्हें राजधानी लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई के अपेक्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया था. जहां रविवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली. इस दौरान अस्पताल में कैबिनेट मंत्री कमलरानी वरुण की बेटी और अन्य परिजन समेत तमाम नेता मंत्री मौजूद रहे. कमलरानी वरुण योगी सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री थीं. उनकी तबीयत खराब होने के बाद उनका सैंपल कोरोना जांच के लिए भेजा गया था. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था.
कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण कानपुर के घाटमपुर से विधायक थीं. वह दो बार लोकसभा मेंबर भी रह चुकी हैं और वर्तमान सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्रालय की कमान संभाल रही थी. राजधानी लखनऊ के एसजीपीआई से कैबिनेट मंत्री कमलरानी वरुण का शव कानपुर के लिए भेजा गया. इस दौरान कमल रानी वरुण की बेटी और यूपी सरकार के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना और अन्य लोग मौजूद थे.
कैबिनेट मंत्री कमल रानी का राजनीतिक इतिहास
कानपुर क्षेत्र में कैबिनेट मंत्री कमल रानी की पहचान एक प्रतिभाशाली राजनेताओं में होती रही है. 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी. कानपुर नगर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. 2017 के चुनाव में कमल रानी यहां से चुनी गई थीं.
कमल रानी ने 2017 के चुनाव में 92,776 वोट मिले जो कुल मत के 48.52 फीसदी थे. उन्होंने बसपा की सरोज कुरील को हराया था. कमल रानी ने यह सीट समाजवादी पार्टी से छीनी थी. कमल रानी ने 3 साल पहले भारतीय जनता पार्टी का खाता इस सीट से खोला था. इससे पहले कमल रानी दो बार लोकसभा सांसद भी रहीं. वह 11वीं और 12वीं लोकसभा के लिए चुनी गई थीं.