कानपुर: शहर के महाराजपुर क्षेत्र की जिस सैमसी झील में बोटिंग कराने की तैयारी कई दिनों से जारी थी, उसकी शुरुआत सोमवार को नए साल से हो गई है. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने झील का शुभारंभ कर क्षेत्रवासियों को नए साल का शानदार तोहफा दिया. सैमसी झील में अब लोग बोटिंग कर सकेंगे. साथ ही रंगीन फौव्वारों से यहां का मनमोहक नजारा देखते बनेगा.
सैमसी झील का पुनरुद्धार और सुंदरीकरण लगभग तीन करोड़ की लागत से कराया गया है. सोमवार को झील का शुभारंभ करते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कानपुर के सबसे अच्छे पर्यटन स्थल के रूप में सैमसी झील को विकसित किया जाएगा. यहां शहर से लोग सुकून भरे पल बिताने आएंगे. प्राकृतिक रम्यता और परिंदों का कलरव हर किसी को यहां खींच लाएगा.
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सतीश महाना ने कहा शुभारंभ के बाद भी इसको सजाने - संवारने का काम जारी रहेगा. बजट की कमी नहीं आने देंगे. सतीश महाना ने जैसे ही रिमोट से बटन दबाकर फौव्वारों को चालू किया, तो पूरा नजारा रोशनी में रंगीन हो उठा. इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष स्वप्निल वरुण, डीएम विशाख जी, पुलिस कमिश्नर डॉ. आर के स्वर्णकार, सत्यम अवस्थी, सुरेंद्र , विनय , रानू , कमलेश निषाद रहे.
15 करोड़ से सैमसी में बहेगी विकास की गंगा: विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने झील का शुभारंभ करते हुए बताया कि हाईवे से जुड़े हुए महाराजपुर और रहनस मोड़ से सैमसी आने वाले दोनों मार्गो का चौड़ीकरण होगा. इसके लिए 15 करोड़ का बजट जारी हो गया है. जल्द निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.
सैमसी बन गई आध्यात्मिक नगरी: सतीश महाना ने कहा कि वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज की सैमसी तपोभूमि है. उनके गुरू गणेशानंद महाराज (गंगाराम) ने भी यहीं साधना की थी, वो समाधिस्थ भी यहीं हुए थे. जिसके चलते सैमसी आज आध्यात्मिक नगरी के रूप में पूरे भारत में जानी जा रही है.
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