कानपुर: शहर के चकेरी थाना क्षेत्र में कुछ दिनों पहले किसान बाबू सिंह ने ट्रेन के आगे कटकर अपनी जान दे दी थी. वहां जो सुसाइड नोट पुलिस को मिला था, उसमें बाबू सिंह ने जिस भाजपा नेता प्रियरंजन आशू पर अपनी जमीन हड़पने की जानकारी का जिक्र किया था, उसके साक्ष्य कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की पुलिस टीम को मिल गए.
पुलिस के मुताबिक, किसान बाबू सिंह के बहुत अधिक पढ़ा-लिखा न होने के चलते भाजपा नेता प्रियरंजन आशू व अन्य आरोपियों ने एक निजी होटल में किसान की जमीन के रजिस्ट्री संबंधी पेपर तैयार कराए थे. वहीं, अब भाजपा नेता प्रियरंजन समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छह टीमें अलग-अलग शहरों में सर्च ऑपरेशन पर हैं. संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था आनंद प्रकाश तिवारी का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है. परिवार के सदस्यों समेत 100 लोगों से इस मामले में पूछताछ की जा चुकी है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 82 व 83 के अंतर्गत कुर्की की भी सारी तैयारी कर ली है.
इस मामले में अभियुक्तों तक जब यह जानकारी पहुंची कि उनके खिलाफ तेजी से गैर जमानती वारंट जारी हो गया तो वह बौैखला गए. वहीं, अभियुक्तों की पैरवी करने वाले प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर तक दौड़भाग कर रहे हैं. कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के अफसरों का कहना है, कि इस मामले में अभियुक्तों को जरा सी राहत नहीं मिलने वाली हैं. वहीं, पैरवी करने वालों के खिलाफ भी पुलिस मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करेगी. पुलिस की ओर से सभी तरह के साक्ष्य संकलन का काम जोरों पर है जिससे अभियुक्तों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के प्रति केस को मजबूत बनाया जा सके.
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