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BDO आलोक पांडेय तक पहुंची बिकरु कांड के जांच की आंच - कानपुर में बीडीओ सस्पेंड

कानपुर के बहुचर्चित बिकरु कांड के जांच की आंच एक और अधिकारी तक पहुंच गयी है. इस मामले में चौबेपुर ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) आलोक पांडेय को निलंबित कर दिया गया है.

BDO आलोक पांडेय तक पहुंची बिकरु कांड के जांच की आंच
BDO आलोक पांडेय तक पहुंची बिकरु कांड के जांच की आंच
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Published : Dec 30, 2020, 10:43 AM IST

कानपुरः बिकरु कांड की जांच में एक और अधिकारी पर गाज गिरी है. चौबेपुर के बीडीओ आलोक पांडेय को सस्पेंड कर दिया गया है. एसआईटी की जांच में बीडीओ को कुख्यात विकास दुबे को गलत तरीके से कमाई गयी संपत्तियों और सरकारी योजनाओं का लाभ देने का आरोपी बनाया था. एसआईटी ने कुख्यात विकास दुबे के करीबी रहे बीडीओ पर कार्रवाई की संस्तुति की थी. शासन ने एसआईटी की रिपोर्ट पर बीडीओ के ऊपर कार्रवाई की है. इसके साथ ही उसे आयुक्त ग्राम्य विकास कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है.

चौबेपुर कोतवाली, कानपुर
चौबेपुर कोतवाली, कानपुर
3 साल से थी बीडीओ की तैनातीएनकाउंटर में मारे जा चुके कुख्यात विकास दुबे को गलत तरीके से फायदा पहुंचाने वाले बीडीओ आलोक पांडेय 3 साल से शिवराजपुर में तैनात थे. उनके पास चौबेपुर ब्लॉक का अतिरिक्त चार्ज था. इन दोनों ब्लॉकों में विकास दुबे और उसके गुर्गे रंगदारी के साथ सम्पतियों पर जबरन कब्जा कर अपनी दहशत के दम कर रसूख को बढ़ा रहा था. एसआईटी की जांच में पता चला कि बीडीओ विकास दुबे के इशारों पर ही इन दोनों ब्लॉको में विकास का काम करवाता था.बीडीओ के निलंबन का विरोधएसआईटी की जांच में दोषी पाए जाने पर निलंबित किये गए बीडीओ आलोक पांडेय के समर्थन में प्रादेशिक विकास सेवा संवर्ग की कानपुर इकाई ने विरोध दर्ज कराया है. संवर्ग के अध्यक्ष ज्ञानेश मिश्रा ने बीडीओ के निलंबन को वापस लेने के लिए डीएम को पत्र लिखा है.ये था बिकरु कांड

2 जुलाई की रात कुख्यात विकास दुबे को पुलिस पकड़ने के लिए दबिश देने गई थी. इस दौरान पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके साथियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिस कर्मियों को मौत के घाट उतार डाला था. जिसके बाद पुलिस ने मुठभेड़ में कुख्यात विकास दुबे समेत उसके कई साथियों को एनकाउंटर में मार गिराया था.

कानपुरः बिकरु कांड की जांच में एक और अधिकारी पर गाज गिरी है. चौबेपुर के बीडीओ आलोक पांडेय को सस्पेंड कर दिया गया है. एसआईटी की जांच में बीडीओ को कुख्यात विकास दुबे को गलत तरीके से कमाई गयी संपत्तियों और सरकारी योजनाओं का लाभ देने का आरोपी बनाया था. एसआईटी ने कुख्यात विकास दुबे के करीबी रहे बीडीओ पर कार्रवाई की संस्तुति की थी. शासन ने एसआईटी की रिपोर्ट पर बीडीओ के ऊपर कार्रवाई की है. इसके साथ ही उसे आयुक्त ग्राम्य विकास कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है.

चौबेपुर कोतवाली, कानपुर
चौबेपुर कोतवाली, कानपुर
3 साल से थी बीडीओ की तैनातीएनकाउंटर में मारे जा चुके कुख्यात विकास दुबे को गलत तरीके से फायदा पहुंचाने वाले बीडीओ आलोक पांडेय 3 साल से शिवराजपुर में तैनात थे. उनके पास चौबेपुर ब्लॉक का अतिरिक्त चार्ज था. इन दोनों ब्लॉकों में विकास दुबे और उसके गुर्गे रंगदारी के साथ सम्पतियों पर जबरन कब्जा कर अपनी दहशत के दम कर रसूख को बढ़ा रहा था. एसआईटी की जांच में पता चला कि बीडीओ विकास दुबे के इशारों पर ही इन दोनों ब्लॉको में विकास का काम करवाता था.बीडीओ के निलंबन का विरोधएसआईटी की जांच में दोषी पाए जाने पर निलंबित किये गए बीडीओ आलोक पांडेय के समर्थन में प्रादेशिक विकास सेवा संवर्ग की कानपुर इकाई ने विरोध दर्ज कराया है. संवर्ग के अध्यक्ष ज्ञानेश मिश्रा ने बीडीओ के निलंबन को वापस लेने के लिए डीएम को पत्र लिखा है.ये था बिकरु कांड

2 जुलाई की रात कुख्यात विकास दुबे को पुलिस पकड़ने के लिए दबिश देने गई थी. इस दौरान पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके साथियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिस कर्मियों को मौत के घाट उतार डाला था. जिसके बाद पुलिस ने मुठभेड़ में कुख्यात विकास दुबे समेत उसके कई साथियों को एनकाउंटर में मार गिराया था.

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