कानपुर: शहर के गंगा बैराज मार्ग पर कुछ दिनों पहले एक कार हादसा हुआ था. कार में चार नाबालिग छात्र थे. कार की टक्कर से 15 वर्षीय दो बच्चों की मौके पर मौत हो गई थी. जिस दिन हादसा हुआ था, उस दिन पुलिस ने डॉक्टर संदेश कटियार के बेटे समेत तीन अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था. हालांकि, रविवार देर रात पुलिस ने इस मामले में चारों आरोपियों को जमानत दे दी.
पुलिस ने कहा- वादी ने अपना बयान बदला : पुलिस का कहना है कि वादी ने अपना बयान बदल दिया, जिस वजह से जमानत देनी पड़ी. वहीं अब पुलिस ने इस केस में दर्शाया है कि कार में चार छात्रों के अलावा एक व्यक्ति भी मौजूद था, जो कार चला रहा था. पुलिस के इस खेल से अब पूरा मामला ही उलट गया. वहीं पुलिस पर घूस लेने और मामले में खेल करने का आरोप लगा है. वादी शिवम (मृतक सागर का बड़ा भाई) का कहना कि हमारे परिवार से कोई समझौता नहीं किया गया. पुलिस ने अपनी मर्जी से ही धाराएं बदल दीं और आरोपियों को जमानत दे दी.
धारा 304ए के तहत दी जमानत: इस मामले में हादसे के दूसरे दिन पुलिस ने धारा 304 में मुकदमा दर्ज किया था. हालांकि बाद में उसे बदलकर धारा 304ए कर दिया गया. पुलिस के मुताबिक धारा 304 के साक्ष्य नहीं थे, जबकि धारा 304 ए में दो साल की सजा है और जमानत मिल जाती है. जबकि धारा 304 में दस साल की सजा होती है. अब, आरोपियों को जमानत देने के बाद से यह मामला फिर गर्मा गया है. इस मामले में थाना प्रभारी नवाबगंज का कहना है कि पुलिस ने अपनी कार्रवाई लिखित बयानों के आधार पर की है. पीड़ित और आरोपित पक्षों के बीच जो बातचीत हुई, वह तो वही बता सकते हैं. साक्ष्यों के आधार पर ही जमानत दी गई है.
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