कानपुर: देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई अमृत सरोवर परियोजना के तहत यूपी सरकार ने 75 बड़े तालाबों को नया जीवन देने और उनका कायाकल्प कराने का फैसला किया है. ऐसे में अब कानपुर शहर के अंदर आईआईटी, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू), हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय और जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज जैसे संस्थानों में सालों बाद तालाब बनेंगे.
जानकारी के मुताबिक इन संस्थानों में भूमि संबंधी रिकार्ड देखने के लिए मंडलायुक्त ने सभी कुलपति व निदेशकों को पत्र भेजा है. उन्होंने सभी संस्था प्रभारियों से कहा है कि वह अपने संस्थान में तालाब के लिए सूची तैयार कर लें. वहीं, 18 मई तक सभी जगह से सूची आयुक्त कार्यालय में जमा होनी है. इसके बाद 30 मई तक प्रोजेक्ट तैयार होगा और जून के पहले हफ्ते से तालाब का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा.
मंडलायुक्त डाॅ. राजशेखर ने चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) में बने ऐतिहासिक तालाब का कुलपति और कुलसचिव के साथ निरीक्षण किया. इस दौरान कमिश्नर को बताया गया कि कई दशकों पहले यह तालाब से लोगों की रोजी-रोटी का बड़ा साधन था. हालांकि, मौजूदा समय में दुर्भाग्य है कि तालाब में पानी नहीं है.
यह भी पढ़ें- हर जिले के 'वन स्टॉप सेंटर' में बाल सचिवालय खोले जाने की योजना, ड्राफ्ट बनकर तैयार
आयुक्त ने सीएसए कुलपति से कहा कि बारिश के मौसम में इसमें पर्याप्त जल प्रवाह होने के लिए जो काम हो सकते हैं उन्हें करा लें. उन्होंने नगर आयुक्त को निर्देशित किया कि तालाब में पानी के स्रोत की पहचान करने, तालाब पर चलने के रास्ते, बैठने की जगह व आसपास पौधारोपण का काम जल्द पूरा करा लें. इसके अलावा उन्होंने सभी डीएम, वीसी केडीए और नगर आयुक्त को तमाम सरकारी तालाबों, झीलों, जल निकायों पर हुए अवैध अतिक्रमण की पहचान कर उन्हें फौरन हटाने के निर्देश दिए.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप