कानपुर: जिस तरह से पठान फिल्म हिट हुई है, उससे साफ है कि फिल्म का बायकॉट नहीं था. दर्शकों को बायकॉट तब लगता है, जब उन्हें कुछ बुरा लगता. लेकिन, जब अच्छी संख्या में दर्शक फिल्म देखने जा रहे हैं, तो बायकॉट कहां से होगा. मंगलवार को शहर आए अभिनेता बृजेंद्र काला ने यह बातें ईटीवी भारत संवाददाता से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान कहीं. उन्होंने कहा, कि बालीवुड और ओटीटी में कुछ अलग नहीं है. ओटीटी बालीवुड का हिस्सा है. वहां के अभिनेता यह जानते हैं कि उनकी फिल्म ओटीटी पर रिलीज होगी, जबकि जो बॉलीवुड का सिनेमा है उसे दर्शक आज भी पसंद करते हैं.
अभिनेता बृजेंद्र काला ने बताया कि वह कानपुर में खलासी लाइन स्थित पुष्पा खन्ना मेमोरियल सेंटर में आने से पहले उन्नाव पहुंचे थे. वहां फिल्म डोर की शूटिंग चल रही है, जिसमें उन्हेें हिस्सा लेना था. इसके बाद कानपुर आ गए. उनसे जब सवाल किया गया कि एक युवा अगर अभिनेता बनना चाहता है तो उसे क्या करना होगा? इसके जवाब में उन्होंने बताया कि अभिनेता बनने के लिए युवाओं को थिएटर एक्टिविटीज में हिस्सा लेना होगा. साथ ही खुद के अंदर की इच्छाशक्ति व आत्मविश्वास को मजबूत करना होगा. सेंटर में निदेशक रुमा चतुर्वेदी, अभिषेक चतुर्वेदी, राकेश तिवारी आदि ने उनका स्वागत किया.
क्या आप मानते हैं, कि दर्शकों को बालीवुड की बजाय साउथ की फिल्में ज्यादा पसंद आ रही हैं? इस सवाल के जवाब में उन्होंने सिरे से नकारते हुए कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है. अभिनेता बृजेंद्र काला इस दौर ने बताया कि आरआरआर व पुष्पा जैसी फिल्में आ रही हैं, जबकि एक दौर ऐसा भी था, जब रंगाखुश जैसी फिल्में बनती थी. उन्होंने कहा कि एक्शन बालीवुड फिल्मों में भी है और साउथ की फिल्मों में भी. दर्शकों को संदेश देते हुए, कहा कि- शांति बनाए रखें, प्यार बांटते रहें, देश को अपना समझें और सभी को अपना समझें.
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