कानपुर: शहर के एलएलआर अस्पताल में 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ा दिया गया. कुछ दिनों पहले एलएलआर अस्पताल के बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. एके आर्या ने जब यह जानकारी मीडिया को दी थी तो अचानक ही एलएलआर अस्पताल से लेकर सूबे के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप की स्थिति हो गई थी. आनन-फानन ही मेडिकल कालेज के प्राचार्य ने अपनी टीम लगाकर पिछले 10 साल के आंकड़ों को देखा, तो सामने आया कि उक्त बच्चों की जो संख्या बताई गई, वह पिछले 10 सालों की है.
हालांकि, इस मामले पर बुधवार को जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर दिया तो पूरे देश में ही सियासत शुरू हो गई. फिर क्या था, मेडिकल कालेज प्राचार्य ने रिकार्ड सभी के सामने रखे और कहा, कि विभागाध्यक्ष एके आर्या ने जो जानकारी दी थी वह पूरी तरह से गलत है. कानपुर में 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाने की जानकारी सुर्खियों में आने के बाद प्राचार्य द्वारा विभागाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई को लेकर निर्देश तक जारी हो गए.
प्राचार्य के इस कदम से मेडिकल कालेज के अंदर चिकित्सकों के बीच कई तरह के कयास शुरू हो गए हैं. चिकित्सकों का कहना है, कि जिस डॉक्टर ने 14 बच्चों पर संक्रमित खून चढ़ाने की जानकारी दी, उसी के खिलाफ कार्रवाई (Action against doctor of LLR Hospital in Kanpur) कर देना, यह बात गले से उतरने जैसी नहीं लगती.
अभी तक बच्चों के परिजन सामने नहीं आए: पूरे देश में इस बात को लेकर जहां एक ओर हल्ला मच गया, कि एलएलआर अस्पताल में 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाया गया, जिससे उनमें एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और सी से संक्रमित होने की बात सामने आई. वहीं दूसरी ओर यह बात भी हैरान करने वाली है कि अभी तक इन बच्चों के परिजन न तो पुलिस के पास पहुंचे न ही मीडिया के पास. वहीं, शहर के अंदर 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाया गया, इस मामले पर जिला प्रशासन के अफसर भी पूरी तरह से शांत हैं. यह बात भी चौंकाने वाली है.
कानपुर में लाला लाजपत राय हॉस्पिटल (Lala Lajpat Rai Hospital in Kanpur) के बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. एके आर्या ने कहा कि मैंने मीडिया में बताया था तो कुछ मीडियाकर्मियों ने मेरे बयानों को गलत ढंग से प्रस्तुत कर दिया. इससे यह बखेड़ा खड़ा हो गया. मैंने कोई गलत जानकारी किसी को नहीं दी. मीडियाकर्मियों ने ही गलत तथ्य पहले दिन प्रकाशित किए.