ETV Bharat / state

कानपुर: सात बार रहे विधायक, आज किराये के मकान में रहने को मजबूर

कोई व्यक्ति 7 बार विधायक रहा हो और उसके पास खुद का घर न हो. यह सुनने में तो हैरानी भरा लगता है, लेकिन शत प्रतिशत सही है. हम बात कर रहे है कानपुर जिले के रहने वाले 97 साल के भगवती सिंह विशारद की, जो आज भी किराए के मकान में रह कर अपना गुजारा कर रहे हैं. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी राय रखी.

भगवती सिंह विषारद, पूर्व विधायक.
author img

By

Published : Jul 5, 2019, 8:01 PM IST

कानपुर: आज की राजनीति में संगठन मात्र में छोटा सा पद पाने के बाद नेता बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमने लगते हैं. कोई बड़ा पद मिल जाए तो बड़े-बड़े बंगले बनवा कर उनमें रहने लगते हैं. वहीं दूसरी तरफ भगवती सिंह सात बार विधायक रहे, लेकिन आज भी एक किराए के घर में अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं. उनके पास न तो कोई खुद का घर है, न कोई गाड़ी और न ही कोई सुविधा का सामान.

सात बार के विधायक आज किराये के घर में रहने को मजबूर, देखें वीडियो.

कौन हैं भगवती सिंह विशारद

  • कानपुर में 7 बार विधायक रहे भगवती सिंह की कहानी आपको हैरान कर देगी.
  • उन्नाव जिले में एक गरीब परिवार में जन्मे 97 साल के भगवती सिंह सात बार विधायक रह चुके हैं.
  • भगवती सिंह का जन्म 30 सितंबर 1921 को उन्नाव में हुआ था.
  • पांचवीं तक की शिक्षा लेने के बाद वह कानपुर में अपने बाबू जी के पास आकर रहने लगे.
  • कानपुर से ही उनके राजनीतिक सफर की शुरूआत हुई.
  • भगवती सिंह के पांच लड़के और एक लड़की है.
  • उनके एक बड़े बेटे की मौत हो चुकी है.
  • धनकुट्टी के रहने वाले भगवती सिंह विशारद के पास अपना खुद का मकान तक नहीं है.
  • वह अपने छोटे बेटे के साथ किराए के घर में अपना आखिरी सफर काट रहे हैं.
  • उनके बाकी बेटे सब अलग -अलग रहते हैं.
  • भगवती सिंह की सादगी सिर्फ कानपुर या उन्नाव तक ही नहीं बल्कि दिल्ली तक मशहूर थी.
  • वह लोगों का दुख समझने के लिए साइकिल से ही क्षेत्र में भ्रमण करते थे.

राजनीति एक कोई व्यवसाय या पेशा नहीं है. बल्कि जन सेवा है.
-भगवती सिंह , पूर्व विधायक

कानपुर: आज की राजनीति में संगठन मात्र में छोटा सा पद पाने के बाद नेता बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमने लगते हैं. कोई बड़ा पद मिल जाए तो बड़े-बड़े बंगले बनवा कर उनमें रहने लगते हैं. वहीं दूसरी तरफ भगवती सिंह सात बार विधायक रहे, लेकिन आज भी एक किराए के घर में अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं. उनके पास न तो कोई खुद का घर है, न कोई गाड़ी और न ही कोई सुविधा का सामान.

सात बार के विधायक आज किराये के घर में रहने को मजबूर, देखें वीडियो.

कौन हैं भगवती सिंह विशारद

  • कानपुर में 7 बार विधायक रहे भगवती सिंह की कहानी आपको हैरान कर देगी.
  • उन्नाव जिले में एक गरीब परिवार में जन्मे 97 साल के भगवती सिंह सात बार विधायक रह चुके हैं.
  • भगवती सिंह का जन्म 30 सितंबर 1921 को उन्नाव में हुआ था.
  • पांचवीं तक की शिक्षा लेने के बाद वह कानपुर में अपने बाबू जी के पास आकर रहने लगे.
  • कानपुर से ही उनके राजनीतिक सफर की शुरूआत हुई.
  • भगवती सिंह के पांच लड़के और एक लड़की है.
  • उनके एक बड़े बेटे की मौत हो चुकी है.
  • धनकुट्टी के रहने वाले भगवती सिंह विशारद के पास अपना खुद का मकान तक नहीं है.
  • वह अपने छोटे बेटे के साथ किराए के घर में अपना आखिरी सफर काट रहे हैं.
  • उनके बाकी बेटे सब अलग -अलग रहते हैं.
  • भगवती सिंह की सादगी सिर्फ कानपुर या उन्नाव तक ही नहीं बल्कि दिल्ली तक मशहूर थी.
  • वह लोगों का दुख समझने के लिए साइकिल से ही क्षेत्र में भ्रमण करते थे.

राजनीति एक कोई व्यवसाय या पेशा नहीं है. बल्कि जन सेवा है.
-भगवती सिंह , पूर्व विधायक

Intro:कानपुर :- 7 बार विधायक रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विशारद आज भी किराये के मकान में रहने को मजबूर ।

आप कल्पना कर सकते है कि कोई व्यक्ति 7 बार विधायक रहा हो और उसके पास खुद का घर न हो , यह सुनने में तो अकल्पनीय लगता है लेकिन शत प्रतिशत सही है , हम बात कर रहे है एक ऐसे नेता की जो सात बार विधायक रहे लेकिन आज भी किराए के मकान में रह कर अपना गुजारा कर रहे है । हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के रहने वाले 97 साल के भगवती सिंह विशारद की ।
आप जब भी करोड़पति प्रत्याशियों की चर्चा करते हैं तो आपको लगता होगा कि धन प्रतिनिधि ही खाली जनप्रतिनिधि बन सकते हैं लेकिन कानपुर में 7 बार विधायक रहे भगवती सिंह की कहानी आपको हैरान कर देगी उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एक गरीब परिवार में जन्मे 97 साल के भगवती सिंह सात बार विधायक रह चुके हैं लेकिन इनके पास ना तो अपना कोई घर है ना तो कोई गाड़ी


Body:जहां आज प्रधान पार्षद सभासद विधायक और सांसद बनने के बाद नेताओं के पास अचूक संपत्ति हो जाती है उन नेता ही नहीं उनके परिजनों तक के पास बेहिसाब संपत्ति हो जाती है वही उत्तर प्रदेश विधानसभा में 7 बार विधायक चुनकर जाने वाले धनकुट्टी निवासी भगवती सिंह विशारद के पास अपना खुद का मकान तक नहीं है वह अपने छोटे बेटे के साथ किराए के घर में अपना आखिरी सफर काट रहे हैं
30 सितंबर 1921 को उन्नाव में जन्मे भगवती सिंह गांव में पांचवी तक की शिक्षा लेने के बाद कानपुर शहर में अपने बाबू जी के पास आकर रहने लगे यहीं से उनकी चुनावी सफर की शुरुआत हुई और वह 7 बार विधायक बने इनके 5 लड़के और एक लड़की है जिसमें एक बड़े बेटे की मौत हो चुकी है और बाकी सब अलग अलग रहते हैं भगवती सिंह कहते हैं कि राजनीति एक कोई व्यवसाय या पेशा नहीं है बल्कि जन सेवा है और अगर आज के राजनेताओं की बात करें तो वह जनता के लिए नहीं बल्कि खुद की कमाई के लिए राजनीति के क्षेत्र में आते हैं भगवती सिंह की सादगी सिर्फ कानपुर या उन्नाव तक ही नहीं बल्कि दिल्ली तक मशहूर थे वह साइकिल से क्षेत्र में भ्रमण करते थे और लोगों का दुख दर्द समझने के लिए क्षेत्र में ही रहते थे



Conclusion:आज की राजनीति में संगठन मात्र में छोटा सा पद पाने के बाद नेता बड़ी बड़ी गाड़ियों में बड़े-बड़े बैनर लगाकर घूमने लगते हैं कोई बड़ा पद मिल जाए या एक बार खाली चुनाव ही ले ले तो बड़े-बड़े बंगले बनवा कर उनमें रहने लगते हैं लेकिन वहीं दूसरी तरफ भगवती सिंह 7 विधायक रहे लेकिन आज भी एक किराए के घर में अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं उनके पास ना तो कोई खुद का घर है ना कोई गाड़ी ना कोई सुविधा का सामान ।

बाइट :- भगवती सिंह , पूर्व विधायक
बाईट :- नाती

रजनीश दीक्षित
कानपुर ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.