कानपुर: आज की राजनीति में संगठन मात्र में छोटा सा पद पाने के बाद नेता बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमने लगते हैं. कोई बड़ा पद मिल जाए तो बड़े-बड़े बंगले बनवा कर उनमें रहने लगते हैं. वहीं दूसरी तरफ भगवती सिंह सात बार विधायक रहे, लेकिन आज भी एक किराए के घर में अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं. उनके पास न तो कोई खुद का घर है, न कोई गाड़ी और न ही कोई सुविधा का सामान.
कौन हैं भगवती सिंह विशारद
- कानपुर में 7 बार विधायक रहे भगवती सिंह की कहानी आपको हैरान कर देगी.
- उन्नाव जिले में एक गरीब परिवार में जन्मे 97 साल के भगवती सिंह सात बार विधायक रह चुके हैं.
- भगवती सिंह का जन्म 30 सितंबर 1921 को उन्नाव में हुआ था.
- पांचवीं तक की शिक्षा लेने के बाद वह कानपुर में अपने बाबू जी के पास आकर रहने लगे.
- कानपुर से ही उनके राजनीतिक सफर की शुरूआत हुई.
- भगवती सिंह के पांच लड़के और एक लड़की है.
- उनके एक बड़े बेटे की मौत हो चुकी है.
- धनकुट्टी के रहने वाले भगवती सिंह विशारद के पास अपना खुद का मकान तक नहीं है.
- वह अपने छोटे बेटे के साथ किराए के घर में अपना आखिरी सफर काट रहे हैं.
- उनके बाकी बेटे सब अलग -अलग रहते हैं.
- भगवती सिंह की सादगी सिर्फ कानपुर या उन्नाव तक ही नहीं बल्कि दिल्ली तक मशहूर थी.
- वह लोगों का दुख समझने के लिए साइकिल से ही क्षेत्र में भ्रमण करते थे.
राजनीति एक कोई व्यवसाय या पेशा नहीं है. बल्कि जन सेवा है.
-भगवती सिंह , पूर्व विधायक