कानपुर: इस गलनभरी सर्दी के आलम में अगर आप किसी सरकारी अफसर के कमरे में पहुंचेंगे तो कम से कम एक या दो हीटर तो जलते हुए जरूर मिलेंगे. अफसरों की गाड़ियों में ब्लोअर चल रहे हैं. लेकिन जो गरीब और असहाय हैं, उनके लिए कानपुर में सर्दी से उन्हें बचाने का जो प्रबंध किया गया है, वह केवल कागजों पर है. इसकी बानगी तब देखने को मिली, जब शहर के भैरोघाट पर शुक्रवार देर शाम से एक बुजुर्ग खुद को सर्दी से बचाने के लिए जलती चिता के बगल में घंटों लेटा रहा. जब यह वीडियो सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर वायरल हुआ तो आनन-फानन ही अपर नगर आयुक्त प्रतिपाल सिंह अन्य अफसरों के साथ शनिवार को भैरोघाट पहुंचे. फिर बुजुर्ग ने उन्हें अपना नाम प्रेमशंकर दुबे बताया. इसके बाद अफसर, बुजुर्ग को लेकर उनके घर गए तो पता चला कि बुजुर्ग के घर में कुछ लोगों की मौत हो चुकी है. इस वजह से बुजुर्ग घाट पर जा पहुंचे थे.
अपर नगर आयुक्त ने मामले का संज्ञान लेने के बाद दी सफाई: इस मामले का संज्ञान लेने के बाद अपर नगर आयुक्त प्रतिपाल सिंह चौहान ने अपनी ओर से सफाई दी. उन्होंने कहा, भैरोघाट पर नगर निगम की ओर से रैन बसेरा बनाया गया है, जिसमें 50 बेड भी हैं. असहाय और जरूरतमंद लोग यहां रुक सकते हैं. हालांकि, नगर निगम अफसरों की एक बड़ी लापरवाही के चलते ही एक बुजुर्ग को जलती चिता के बगल में लेटना पड़ा. अपर नगर आयुक्त ने यह भी कहा कि नगर निगम कर्मी रैन बसेरा में तैनात हैं. ऐसे में एक बड़ा सवाल था कि आखिर अगर घाट पर कर्मी थे तो उनकी नजर बुजुर्ग प्रेमशंकर दुबे पर क्यों नहीं पड़ी? इसी तरह अपर नगर आयुक्त प्रतिपाल सिंह ने ये भी बताया कि कानपुर में 28 अलग-अलग स्थानों पर रैन बसेरा संचालित हैं. साथ ही अलाव का प्रबंध भी कराया जा रहा है.