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देश में खपत से 94 लाख टन ज्यादा चीनी तैयार, अब शुगर इंडस्ट्री में बनेगा इथेनॉल

साल 2021-22 में पहली बार भारत से 110 लाख टन चीनी का निर्यात (export of sugar from india) किया गया. इसके बाद भारत विश्व में सबसे ज्यादा चीनी निर्यात करने वाला दूसरा देश बन गया है.

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Published : Oct 29, 2022, 4:30 PM IST

Updated : Oct 29, 2022, 5:11 PM IST

कानपुर: हर घर में सुबह से ही शक्कर का उपयोग होने लगता है. चाय बनानी हो या फिर किसी अन्य तरह का व्यंजन. हालांकि, बहुत अधिक शक्कर हमारे शरीर को नुकसान करती है, इसलिए लोग अब शक्कर से मुंह भी मोड़ने लगे हैं. वहीं, दूसरी ओर देश में खाद्य मंत्रालय की ओर से जो आंकड़े सामने आए हैं, उनके मुताबिक, सालाना कुल 265 लाख टन की जो खपत है, उससे 94 लाख टन अधिक शक्कर साल 2021-22 में तैयार हुई. ऐसे में शुगर इंडस्ट्री (sugar industry in india) ने सामूहिक तौर पर यह फैसला किया है कि सामान्य शक्कर के अलावा देश में स्पेशल चीनी और इथेनॉल उत्पादन के लिए कवायद होगी.

चीनी के बारे में जानकारी देते एनएसआई के निदेशक प्रो.नरेन्द्र मोहन हैं.

साल 2021-22 में देश के अंदर कुल 359 लाख टन चीनी बनकर तैयार हुईं. जबकि सामान्य तौर पर हर साल औसतन 265 लाख टन चीनी की खपत रहती है. इसी तरह देश में प्रति व्यक्ति चीनी की सालाना खपत 18-19 किलोग्राम है. ये आंकड़ा पिछले कई सालों से यहीं पर टिका है.

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भारत में चीनी निर्यात

इथेनॉल में अभी 10 फीसदी की हो रही ब्लेंडिंग: राष्ट्रीय शर्करा संस्था (एनएसआई) के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि देश में पेट्रोल बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले इथेनॉल में अभी 10 फीसद की ब्लेंडिंग हो रही है जबकि पूरे देश में जरूरत 20 फीसदी ब्लेंडिंग की है. यही नहीं, सरकार ने 2025 तक यह लक्ष्य भी तय किया है. आंकड़ों के मुताबिक, देश में सालाना 450 करोड़ लीटर इथेनॉल बन पा रहा है जबकि आने वाले समय में यह जरूरत 1000 करोड़ लीटर तक पहुंच जाएगी. ऐसे में अब शुगर इंडस्ट्री में गन्ने से चीनी तो बनेगी ही, साथ में इथेनॉल का उत्पादन भी किया जाएगा.

मॉरीशस से स्पेशल चीनी बनाना सीखेंगे: निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि साल 2021-22 में पहली बार ऐसा हुआ, जब भारत से 110 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया. विश्व में चीनी निर्यात को लेकर भारत (export of sugar from india) दूसरे स्थान पर काबिज रहा. जबकि स्पेशल चीनी की बात करें, तो मॉरीशस इस मामले में सबसे अग्रणी है. अब, भारत के शुगर इंडस्ट्री (sugar industry in india) संचालक मॉरीशस के विशेषज्ञों से स्पेशल चीनी तैयार करने के गुण सीखेंगे.

यह भी पढ़ें: कानपुर का ये बाजार 250 सालों से दिवाली में घोल रहा मिठास, अंग्रेज भी खाते थे यहां के 'हाथी-घोड़ा'

कानपुर: हर घर में सुबह से ही शक्कर का उपयोग होने लगता है. चाय बनानी हो या फिर किसी अन्य तरह का व्यंजन. हालांकि, बहुत अधिक शक्कर हमारे शरीर को नुकसान करती है, इसलिए लोग अब शक्कर से मुंह भी मोड़ने लगे हैं. वहीं, दूसरी ओर देश में खाद्य मंत्रालय की ओर से जो आंकड़े सामने आए हैं, उनके मुताबिक, सालाना कुल 265 लाख टन की जो खपत है, उससे 94 लाख टन अधिक शक्कर साल 2021-22 में तैयार हुई. ऐसे में शुगर इंडस्ट्री (sugar industry in india) ने सामूहिक तौर पर यह फैसला किया है कि सामान्य शक्कर के अलावा देश में स्पेशल चीनी और इथेनॉल उत्पादन के लिए कवायद होगी.

चीनी के बारे में जानकारी देते एनएसआई के निदेशक प्रो.नरेन्द्र मोहन हैं.

साल 2021-22 में देश के अंदर कुल 359 लाख टन चीनी बनकर तैयार हुईं. जबकि सामान्य तौर पर हर साल औसतन 265 लाख टन चीनी की खपत रहती है. इसी तरह देश में प्रति व्यक्ति चीनी की सालाना खपत 18-19 किलोग्राम है. ये आंकड़ा पिछले कई सालों से यहीं पर टिका है.

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भारत में चीनी निर्यात

इथेनॉल में अभी 10 फीसदी की हो रही ब्लेंडिंग: राष्ट्रीय शर्करा संस्था (एनएसआई) के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि देश में पेट्रोल बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले इथेनॉल में अभी 10 फीसद की ब्लेंडिंग हो रही है जबकि पूरे देश में जरूरत 20 फीसदी ब्लेंडिंग की है. यही नहीं, सरकार ने 2025 तक यह लक्ष्य भी तय किया है. आंकड़ों के मुताबिक, देश में सालाना 450 करोड़ लीटर इथेनॉल बन पा रहा है जबकि आने वाले समय में यह जरूरत 1000 करोड़ लीटर तक पहुंच जाएगी. ऐसे में अब शुगर इंडस्ट्री में गन्ने से चीनी तो बनेगी ही, साथ में इथेनॉल का उत्पादन भी किया जाएगा.

मॉरीशस से स्पेशल चीनी बनाना सीखेंगे: निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि साल 2021-22 में पहली बार ऐसा हुआ, जब भारत से 110 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया. विश्व में चीनी निर्यात को लेकर भारत (export of sugar from india) दूसरे स्थान पर काबिज रहा. जबकि स्पेशल चीनी की बात करें, तो मॉरीशस इस मामले में सबसे अग्रणी है. अब, भारत के शुगर इंडस्ट्री (sugar industry in india) संचालक मॉरीशस के विशेषज्ञों से स्पेशल चीनी तैयार करने के गुण सीखेंगे.

यह भी पढ़ें: कानपुर का ये बाजार 250 सालों से दिवाली में घोल रहा मिठास, अंग्रेज भी खाते थे यहां के 'हाथी-घोड़ा'

Last Updated : Oct 29, 2022, 5:11 PM IST
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