कानपुरः घाटमपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में दिवाली की रात दिल दहलाने वाली वारदात हुई.कानपुर में दिवाली की रात हुई इसी तरह की वारदात में पुलिस ने खुलासा किया कि आरोपियों ने हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए न सिर्फ शराब के नशे में सात साल की मासूम बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया, बल्कि बच्ची की गला काटकर निर्मम हत्या भी कर डाली. इतना ही नहीं हत्या के बाद मासूम के शव से अंग तक निकाल डाले. इसके बाद आरोपी युवकों के चाचा-चाची ने बच्ची का लिवर खा लिया. वहीं मासूम की हत्या पर सीएम ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इस वारदात ने 14 साल पहले हुई नोएडा के निठारी में हुए बच्चों के कत्ल का वो मंजर याद दिला दी, जिसके बारे सुनकर आज भी लोगों की रूह कांप जाती है.
21 साल से सूनी गोद भरने की चाहत में हैवानियत
15 नवंबर को सात वर्षीय मासूम बच्ची का शव काली मंदिर के पास क्षत-विक्षत अवस्था में मिलने से हड़कंप मच गया था. पुलिस ने गांव के कुछ लोगों को हिरासत में रखकर पूछताछ शुरू की तो पता चला कि गांव में एक दंपति ने संतान की लालसा में तंत्र-मंत्र के लिए भतीजे और एक अन्य युवक को डेढ़ हजार रुपये थमाकर किसी बच्ची का लिवर और दिल लाने को कहा था.
पड़ोसी ने बनाया मासूम को शिकार
एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि दिवाली की शाम पड़ोस में रहने वाला अंकुल पटाखा दिलाने के बहाने से बच्ची को घर से लेकर गया था. जंगल में पहले उसके साथ दुष्कर्म किया, फिर पेट फाड़कर अंदर से सारे अंग निकाल लिए और दंपति को ले जाकर दे दिया. निसंतान दंपति ने मासूम बच्ची का लिवर खाकर बाकी अंग ठिकाने लगा दिए थे.
तफ्तीश में हुआ खुलासा
पुलिस को तफ्तीश में पता चला कि बच्ची की हत्या निसंतान परशुराम ने कराई थी. उसने किसी किताब में बच्ची का लिवर और कलेजा खाने से संतान प्राप्ति की बात पढ़ी थी. बच्ची की हत्या के लिए उसने अपने भतीजे अंकुल और उसके साथी वीरन को 500 और 1000 रुपये देकर तैयार किया था. शराब के नशे में धुत दोनों ने हत्या करने से पहले बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. उसके बाद निर्मम हत्या कर चाकू से काटकर अंग निकाल ले गए.
पुलिस के अनुसार आरोपियों ने मासूम बच्ची का दिल और लिवर अपने चाचा परशुराम को लाकर दे दिया था. अंधविश्वासी परशुराम ने पत्नी सुनैना के साथ बांटकर लिवर कच्चा खा लिया. कुछ अंग कुत्तों को खिला दिया था. पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त चाकू बरामद किया है. साथ ही दोनों आरोपियों अंकुल और वीरन को जेल भेज कर दंपति से पूछताछ में जुटी है. घटना में शामिल चार अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने बताया कि मृतक बच्ची के पड़ोस में रहने वाले परशुराम की सन 1999 में शादी हुई थी. जिसके बाद से उसके बच्चे नहीं हुए थे. जिसके चलते किसी तांत्रिक के चक्कर में पड़ते हुए परशुराम ने पड़ोस में रहने वाले अपने दो भतीजो अंकुल और वीरन को बच्ची की हत्या करने के लिए रुपये भी दिए थे. वहीं संतान सुख प्राप्ति के लिए परशुराम ने अपनी पत्नी को तंत्र-मंत्र के बहकावे में आकर मासूम बच्ची के शरीर से निकले अंगों को खिला दिया. पुलिस ने वीरन और अंकुल दोनों युवको को संदेह के आधार पर रविवार को ही पूछताछ के दौरान गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जबकि सोमवार परशुराम और उसकी पत्नी को गिरफ्तार करते हुए पुलिस घटना में शामिल अन्य दोषियों के बारे में भी पूछताछ कर रही है.