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सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की हालत खस्ता, सांसद बोले-बहुत बड़ा घोटाला

कानपुर में पिछले कई सालों से पांडु नगर में बन रहा कर्मचारी राज्य बीमा निगम का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की हालत खंडहर जैसे हो गई है. यहां के सभी भवन, केवल चौखटें लगीं हैं. परिसर में गाय और घोड़े बांधे जा रहे हैं.

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सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल
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Published : May 27, 2022, 5:34 PM IST

कानपुर : आमजन जो मेहनत से कमाई करते हैं, उस कमाई को सरकारी अफसर किस तरह से बर्बाद करते हैं. इसकी बानगी शहर में पांडु नगर स्थित कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) के सुपर स्पेशियलिटी भवन की इमारतों में दिखती है. पिछले कई सालों से तैयार हो रहे इन भवनों के लिए ईएसआइसी के जिम्मेदारों ने 367 करोड़ रुपये फूंक दिए. हालात यह हैं कि अस्पताल चालू होना तो दूर, यह भवन खंडहर में तब्दील हो चुके हैं.

भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी

इन भवनों की इमारतों में न तो प्लास्टर हैं और न ही चाौखटों पर दरवाजे लगे हैं. आलम यह है कि परिसर में गाय और घोड़े बंधे रहते हैं लेकिन ये जवाब किसी के पास नहीं है कि आखिरकार अस्पताल कब शुरू होगा. भवनों की जो दशा है, उसे देखकर लगता है कि अभी इसे चालू होने में कम से कम सालों का समय तो लग ही जाएगा.

यह भी पढ़ें- एक्सईएन पर लात मारकर मंदिर की दीवार गिराने का आरोप, स्थानीय लोग मिलकर बनवा रहे थे बाउंड्रीवॉल

सांसद बोले, पूरी तरह घोटाला : भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी ने कहा कि यह पूरी तरह से घोटाला है. इन भवनों के निर्माण में 350 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की गई है. अफसरों ने कमीशनबाजी के चक्कर में उपकरण तक खरीद लिए जबकि भवन पूरी तरह से बने नहीं. उन्होंने कहा कि इस भ्रष्टाचार की शिकायत तत्कालीन श्रम मंत्री से की थी. इसके बाद इस मामले पर विजिलेंस की जांच शुरू हो गई है. जैसे ही जांच रिपोर्ट बनेगी, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि बदनाम सरकार को किया जाता है. मगर घोटाला अफसर करते हैं.

केंद्रीय श्रमराज्यमंत्री ने किया था निरीक्षण : दीपावली से कुछ दिनों पहले केंद्रीय श्रमराज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने ईएसआइसी के इन भवनों का निरीक्षण किया था. उन्होंने अफसरों से इसकी पूरी रिपोर्ट मांगी थी. साथ ही निर्देश दिए थे कि इसे जल्द से जल्द शुरू कराया जाए.

एक नजर इन आंकड़ों पर
- 367 करोड़ रुपये खर्च फिर भी काम अधूरा
- नौ बड़े जेनरेटर खरीदे गए जो खुले में जंक खा रहे
- 4.5 करोड़ रुपये लांड्री सेटअप में खर्च हो गए
- 5.5 करोड़ रुपये से बिजली के उपकरण, पैनल और ट्रांसफार्मर खरीदे गए
- 18 टन सरिया परिसर में रखे-रखे खराब हो गई
- 40 फीट तक बेसमेंट की खोदाई, भर गया गंदा पानी

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कानपुर : आमजन जो मेहनत से कमाई करते हैं, उस कमाई को सरकारी अफसर किस तरह से बर्बाद करते हैं. इसकी बानगी शहर में पांडु नगर स्थित कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) के सुपर स्पेशियलिटी भवन की इमारतों में दिखती है. पिछले कई सालों से तैयार हो रहे इन भवनों के लिए ईएसआइसी के जिम्मेदारों ने 367 करोड़ रुपये फूंक दिए. हालात यह हैं कि अस्पताल चालू होना तो दूर, यह भवन खंडहर में तब्दील हो चुके हैं.

भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी

इन भवनों की इमारतों में न तो प्लास्टर हैं और न ही चाौखटों पर दरवाजे लगे हैं. आलम यह है कि परिसर में गाय और घोड़े बंधे रहते हैं लेकिन ये जवाब किसी के पास नहीं है कि आखिरकार अस्पताल कब शुरू होगा. भवनों की जो दशा है, उसे देखकर लगता है कि अभी इसे चालू होने में कम से कम सालों का समय तो लग ही जाएगा.

यह भी पढ़ें- एक्सईएन पर लात मारकर मंदिर की दीवार गिराने का आरोप, स्थानीय लोग मिलकर बनवा रहे थे बाउंड्रीवॉल

सांसद बोले, पूरी तरह घोटाला : भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी ने कहा कि यह पूरी तरह से घोटाला है. इन भवनों के निर्माण में 350 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की गई है. अफसरों ने कमीशनबाजी के चक्कर में उपकरण तक खरीद लिए जबकि भवन पूरी तरह से बने नहीं. उन्होंने कहा कि इस भ्रष्टाचार की शिकायत तत्कालीन श्रम मंत्री से की थी. इसके बाद इस मामले पर विजिलेंस की जांच शुरू हो गई है. जैसे ही जांच रिपोर्ट बनेगी, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि बदनाम सरकार को किया जाता है. मगर घोटाला अफसर करते हैं.

केंद्रीय श्रमराज्यमंत्री ने किया था निरीक्षण : दीपावली से कुछ दिनों पहले केंद्रीय श्रमराज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने ईएसआइसी के इन भवनों का निरीक्षण किया था. उन्होंने अफसरों से इसकी पूरी रिपोर्ट मांगी थी. साथ ही निर्देश दिए थे कि इसे जल्द से जल्द शुरू कराया जाए.

एक नजर इन आंकड़ों पर
- 367 करोड़ रुपये खर्च फिर भी काम अधूरा
- नौ बड़े जेनरेटर खरीदे गए जो खुले में जंक खा रहे
- 4.5 करोड़ रुपये लांड्री सेटअप में खर्च हो गए
- 5.5 करोड़ रुपये से बिजली के उपकरण, पैनल और ट्रांसफार्मर खरीदे गए
- 18 टन सरिया परिसर में रखे-रखे खराब हो गई
- 40 फीट तक बेसमेंट की खोदाई, भर गया गंदा पानी

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