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कानपुर में डेंगू ने ले ली 2 बच्चों की जान - कानपुर में डेंगू का कहर

कानपुर में डेंगू मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. रोज 40 से 50 नए मरीजों के सामने आने के बाद जिले का स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है. विभाग ने इससे बचने के लिए दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं.

शहर में डेंगू की वजह से दो बच्चों ने गवाई जान, यह थी वजह
शहर में डेंगू की वजह से दो बच्चों ने गवाई जान, यह थी वजह
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Published : Oct 17, 2020, 2:37 AM IST

कानपुर: कोरोना का कहर अब शहर में कम हो रहा है, लेकिन महानगर में आये दिन डेंगू के मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. इसी बीच डेंगू से दो बच्चों की मौत हो गयी है और दोनों की मौत का कारण प्लेटलेट्स कम होना बताया जा रहा है. गौरतलब है कि माइक्रो बायोलॉजी विभाग में जहां रोज 80 से 90 जांच आ रही हैं. उसमें 40 से 50 डेंगू पॉजिटिव निकल रहे हैं. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है और डेंगू को लेकर लापरवाही न बरतने और उससे बचने को लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं.

एक ने हैलट तो एक ने निजी अस्पताल में तोड़ा दम
जानकारी के अनुसार, फतेहपुर से आए 4 वर्षीय मो. आरिफ की मौत हैलट में इलाज के दौरान हुई. आरिफ की तबियत बिगड़ने पर पहले उसे फतेहपुर के निजी हॉस्पिटल में दिखाया गया, जिसके बाद स्थिति सही न होने पर उसे हैलट में भर्ती करवाया गया. वहीं बिधनू के 3 वर्षीय बच्चे की रामादेवी के एक निजी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गयी.

कई बार प्लेटलेट्स कम और रिपोर्ट निगेटिव
मेडिसिन की विभागाध्यक्ष डॉ. रिचा गिरी ने बताया कि कई बार कई मरीजों की रिपोर्ट्स निगेटिव आती है, लेकिन उनके प्लेटलेट्स काउंट बहुत कम देखा गया है. इसलिए जिसको भी कमजोरी लगे पहले डेंगू टेस्ट करवा लें ताकि मरीज का सही समय पर इलाज हो सके और उसकी जान बचाई जा सके.

कानपुर: कोरोना का कहर अब शहर में कम हो रहा है, लेकिन महानगर में आये दिन डेंगू के मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. इसी बीच डेंगू से दो बच्चों की मौत हो गयी है और दोनों की मौत का कारण प्लेटलेट्स कम होना बताया जा रहा है. गौरतलब है कि माइक्रो बायोलॉजी विभाग में जहां रोज 80 से 90 जांच आ रही हैं. उसमें 40 से 50 डेंगू पॉजिटिव निकल रहे हैं. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है और डेंगू को लेकर लापरवाही न बरतने और उससे बचने को लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं.

एक ने हैलट तो एक ने निजी अस्पताल में तोड़ा दम
जानकारी के अनुसार, फतेहपुर से आए 4 वर्षीय मो. आरिफ की मौत हैलट में इलाज के दौरान हुई. आरिफ की तबियत बिगड़ने पर पहले उसे फतेहपुर के निजी हॉस्पिटल में दिखाया गया, जिसके बाद स्थिति सही न होने पर उसे हैलट में भर्ती करवाया गया. वहीं बिधनू के 3 वर्षीय बच्चे की रामादेवी के एक निजी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गयी.

कई बार प्लेटलेट्स कम और रिपोर्ट निगेटिव
मेडिसिन की विभागाध्यक्ष डॉ. रिचा गिरी ने बताया कि कई बार कई मरीजों की रिपोर्ट्स निगेटिव आती है, लेकिन उनके प्लेटलेट्स काउंट बहुत कम देखा गया है. इसलिए जिसको भी कमजोरी लगे पहले डेंगू टेस्ट करवा लें ताकि मरीज का सही समय पर इलाज हो सके और उसकी जान बचाई जा सके.

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