कानपुर देहातः शिवाली थाने में पुलिस की पिटाई से एक युवक की मौत हो गई. युवक की मौत के बाद पुलिस परिजनों को गुमराह करती रही, लेकिन मामले की जानकारी लगते ही परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. गौरतलब है कि पुलिस ने व्यापारी से लूट के मामले में युवक को हिरसात में लिया था. युवक व्यापारी का सगा भतीजा था. फिलहाल पूरे मामले में एसपी ने एसओजी टीम को सस्पेंड करते हुए उच्च स्तरीय जांच कराने की बात कही है.
शिवली थाना क्षेत्र के लालपुर सरैया गांव में रहने वाले व्यापारी चंद्रभान सिंह के साथ 6 दिसंबर की देर रात लूट हुई थी. बाइक सवार दो युवकों ने व्यापारी की आंखों में मिर्ची झोंककर 2 लाख रुपये लूट लिए थे. इसके बाद पुलिस हरकत में आई और लूट का खुलासा करने का दम भरने लगी. पुलिस ने 4 दिनों के अंदर क्षेत्र के 5 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी. हिरासत में लिए गए पांच युवकों में से एक युवक बलवंत सिंह पीड़ित व्यापारी चंद्रभान सिंह का सगा भतीजा है. पुलिस ने शक के आधार पर उसे भी हिरासत में लिया और अपनी पूछताछ शुरू कर दी, लेकिन पीड़ित व्यापारी का आरोप है कि पुलिस को कई बार कहने के बावजूद भी पुलिस ने उनके भतीजे बलवंत सिंह को नहीं छोड़ा और लगातार पुलिस टॉर्चर करती रही.
बलवंत की बेरहमी के साथ पिटाई भी की गई. वहीं, बलवंत की पिटाई के बाद बलवंत की मौत हो गई. इसके बाद कानपुर देहात पुलिस के हाथ पांव फूल गए और पुलिस ने आनन-फानन में सबको थाने से गायब कर दिया. परिजनों के कई बार पूछने के बावजूद भी परिजनों को उनके घर के सदस्य बलवंत सिंह की कोई भी जानकारी नहीं दी गई. परिजनों को पुलिस थाने से दूसरे थाने, दूसरे थाने से तीसरे थाने घूमाती रही, लेकिन उनके बलवंत का सुराग पुलिस ने नहीं दिया. इसके बाद परिजनों को पता चला कि उनके बेटे की मौत हो गई है और सब कानपुर देहात के सरकारी जिला अस्पताल में पड़ा हुआ है. वहीं, पुलिस इस पूरे मामले को दबाने का लगातार प्रयास कर रही थी.
जानकारी मिलते ही परिजनों ने अस्पातल पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया. परिजनों ने जिले के सभी आला अधिकारियों को फोन मिलाया साथ ही साथ कानपुर मंडल के भी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को लगातार फोन करते रहे, लेकिन किसी भी पुलिस अधिकारी ने परिजनों का फोन नहीं उठाया. वहीं, पोस्टमार्टम हाउस में जब शव पुलिस के द्वारा पहुंचा दिया गया, तो परिजनों ने पोस्टमार्टम हाउस के बाहर जमकर बवाल शुरू कर दिया. मौके पर मौजूद क्षेत्राधिकारी प्रभात कुमार सिंह परिजनों को समझाने का प्रयास करते रहे है, लेकिन परिजन लगातार एक ही बात पूछते रहे कि आखिर उनका बेटा कहां है, जिस हालत में उन्होंने उनके बेटे को उठाया था उसी हालत में परिजन अपने बच्चे को वापस मांग रहे थे. लेकिन पुलिस के हाथ भी खाली थे और पुलिस के पास कोई भी जवाब नहीं था, क्योंकि पुलिस अपनी कारगुजारी से शर्मिंदा भी थी और अपने ऊपर लगे दाग को मिटाने के तमाम प्रयास भी कर रही थी. पुलिस अधीक्षक सुनिति ने एसओजी टीम समेत पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है और कहा है कि इस पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी.
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