कानपुर देहात: जिले में ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. मालती नाम की महिला 20 सालों से आवास के लिए अधिकारियों की चौखट के चक्कर काट रही थी. वहीं जब इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया तब अधिकारी हरकत में आए और उस महिला का आवास की सूची में नाम दर्ज किया गया. अधिकारियों का कहना है कि अब इस महिला को बहुत जल्द आवास दे दिया जाएगा.
ईटीवी भारत की खबर का असर
आपको बता दें कि पक्का मकान नहीं होने से इस महिला के बच्चों की अभी तक शादी नहीं हुई है. मकान पाने के लिए ये महिला लगातार अधिकारियों की चौखट के चक्कर काट रही थी, लेकिन कोई भी इस महिला का दर्द सुनने का तैयार नहीं था. ईटीवी भारत ने इस महिला के पास जाकर उसकी बात सुनी और राष्ट्रपति के गृह जनपद में लाचार सिस्टम, आवास के लिए सालों से भटक रही विधवा हेडलाइन से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया. जिसके बाद अधिकारियों ने मामले पर संज्ञान लेते हुए महिला का सूची में नाम दर्ज कराया.
गिरी हुई कोठरी में रहती है महिला
मैथा ब्लाक क्षेत्र के रैपालपुर गांव की रहने वाली विधवा मालती बाजपेई गिरी हुई कच्ची कोठरी में तिरिपाल डालकर अपना जीवन बीस साल से गुजार रही थी. तेज धूप और बारिश के चलते उसे बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता था. जिसके बाद डीएम ने मामले पर संज्ञान लेते हुए जिम्मेदार आधिकारियों को निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकारियों ने महिला तक आवास का लाभ नहीं पहुंचाया. इसी वजह से वह गिरी हुई कच्ची कोठरी में अपना जीवन गुजार रही थी.
गांव वालों का कहना है कि करीब दो वर्ष पूर्व तेज बारिश के चलते उसकी कच्ची कोठरी गिर गई थी. प्रदेश सरकार ने बारिश में मकान गिरने से बेघर हुए लोगों को प्राथमिकता के आधार पर आवास देने का ऐलान किया था. इस पर एसडीएम मैथा ने जांच कर मालती को आवास दिए जाने का पत्र डीएम राकेश कुमार सिंह को भेजा था. डीएम ने डीडीओ को मामले पर संज्ञान लेने के निर्देश दिए थे, लेकिन एक वर्ष बीतने पर भी आवास नहीं मिला था. जब ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया तब मामले पर संज्ञान लेते हुए महिला का सूची में नाम दर्ज कराया गया.