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कानपुर देहात: लॉकडाउन में महिला ने बीच सड़क पर दिया बच्चे को जन्म

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में महाराष्ट्र से लौट रही एक महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया. मौके पर मौजूद लोगों ने तत्काल जच्चे-बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया. दोनों पूरी तरह स्वस्थ और सुरक्षित हैं.

महिला ने सड़क पर दिया बच्चे को जन्म
महिला ने सड़क पर दिया बच्चे को जन्म
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Published : May 16, 2020, 8:17 AM IST

कानपुर देहात: जिले में महाराष्ट्र से लौट रही एक महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया. ग्रामीणों ने गौरी हॉस्पिटल में जच्चे-बच्चे को उपचार लिए भर्ती कराया.

चंदौली निवासी प्रवासी मजदूर पिन्टू प्रजापति अपनी पत्नी बबिता प्रजापति के साथ महाराष्ट्र से वापस आ रहा था. इस दौरान कानपुर देहात के नवीपुर चौराहे (कानपुर-झांसी हाईवे) पर रास्ते में बबिता को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई. थोड़ी ही देर में महिला की नार्मल डिलीवरी हो गई.

क्षेत्रीय लोगों ने तुरंत गौरी हॉस्पिटल की टीम को मौके पर बुलाया. टीम ने पहुंच कर जच्चे-बच्चे का इलाज शुरू किया. जच्चा-बच्चा दोनों गौरी हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं.

यह मजदूर दंपती कोविड-19 से पीड़ित नहीं है. इनके कोरोना वायरस से सम्बंधित सारे आवश्यक टेस्ट हो चुके हैं. इनके पास निगेटिव रिपोर्ट और पूर्ण रूप से स्वस्थ होने का प्रमाणपत्र मौजूद है, जो कि महाराष्ट्र स्वास्थ्य प्रशासन ने जारी किया है.

इस पूरे मामले में जिले के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना के नाम पर लोगों में अनावश्यक भय व्याप्त है. इसकी वजह से जो लोग कोविड-19 के अलावा किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं, या कहीं बाहर से आ रहे हैं, तो लोग उनकी मदद करने से कतरा रहे हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए. कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत इन्फेक्शन कन्ट्रोल प्रोटोकॉल का पालन करते हुए निजी अस्पताल उनकी पूर्णतः मदद करें.

ये भी पढ़ें- प्रवासी मजदूरों को खाना-पानी पहुंचा रही कानपुर पुलिस

कानपुर देहात: जिले में महाराष्ट्र से लौट रही एक महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया. ग्रामीणों ने गौरी हॉस्पिटल में जच्चे-बच्चे को उपचार लिए भर्ती कराया.

चंदौली निवासी प्रवासी मजदूर पिन्टू प्रजापति अपनी पत्नी बबिता प्रजापति के साथ महाराष्ट्र से वापस आ रहा था. इस दौरान कानपुर देहात के नवीपुर चौराहे (कानपुर-झांसी हाईवे) पर रास्ते में बबिता को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई. थोड़ी ही देर में महिला की नार्मल डिलीवरी हो गई.

क्षेत्रीय लोगों ने तुरंत गौरी हॉस्पिटल की टीम को मौके पर बुलाया. टीम ने पहुंच कर जच्चे-बच्चे का इलाज शुरू किया. जच्चा-बच्चा दोनों गौरी हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं.

यह मजदूर दंपती कोविड-19 से पीड़ित नहीं है. इनके कोरोना वायरस से सम्बंधित सारे आवश्यक टेस्ट हो चुके हैं. इनके पास निगेटिव रिपोर्ट और पूर्ण रूप से स्वस्थ होने का प्रमाणपत्र मौजूद है, जो कि महाराष्ट्र स्वास्थ्य प्रशासन ने जारी किया है.

इस पूरे मामले में जिले के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना के नाम पर लोगों में अनावश्यक भय व्याप्त है. इसकी वजह से जो लोग कोविड-19 के अलावा किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं, या कहीं बाहर से आ रहे हैं, तो लोग उनकी मदद करने से कतरा रहे हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए. कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत इन्फेक्शन कन्ट्रोल प्रोटोकॉल का पालन करते हुए निजी अस्पताल उनकी पूर्णतः मदद करें.

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