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जमीनी विवाद में युवक की हत्या, BJP MLA प्रतिभा शुक्ला ने कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल - कानपुर देहात का समाचार

कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र में दो जातियों के वर्चस्व की लड़ाई में आशुतोष तिवारी की हत्या कर दी गई. हत्या की वजह पुरानी रंजिश बताई जा रही है.

कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल!
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Published : Sep 16, 2021, 10:58 PM IST

कानपुर देहातः उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के लिए योगी सरकार तमाम कोशिश कर रही है. लेकिन अधिकारियों की कार्यशैली से अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले के रूरा थाना क्षेत्र के गोहलिया गांव में पुरानी रंजिश के चलते एक शख्स को मौत के घाट उतार दिया गया है.

दरअसल गोहलिया गांव का रहने वाला आशुतोष तिवारी का काफी लंबे समय से विजय सिंह, ओंकार सिंह और उनके साथियों से विवाद चलता चल रहा था. जमीन को लेकर ये विवाद चल रहा था. बताया जा रहा है कि गांव की जमीन को लेकर ये जातिवाद की लड़ाई चल रही थी. यह लड़ाई पिछले 3 सालों से ठाकुर वर्सेस ब्राह्मण हो रही थी. जिसमें दोनों की पार्टी एक दूसरे को आए दिन थाने में खींच रहे थे. लेकिन बात इतनी बढ़ गई कि दबंगों ने आशुतोष तिवारी को मौत के घाट उतार दिया. दरअसल आशुतोष का एक घर गांव में है और दूसरा घर गांव से हटकर कुछ दूर बाहर की ओर बना हुआ है. जिसमें आशुतोष एक छोटी सी दुकान करके अपनी जीविका भी चला रहा था. एक कमरे में रहता भी था. घर से आशुतोष अपने खेतों पर जाने की बात कहकर सुबह निकला और वापस नहीं आया. परिजनों ने काफी देर तक इंतजार करने के बाद जब आशुतोष को खोजना शुरू किया तो गांव के बाहर बने प्लाट में ही उसका शव मिला. शव को देख परिजनों के होश फाख्ता हो गए.

जमीनी विवाद में युवक की हत्या

घटना की जानकारी परिवार के लोगों ने रूरा थाने को दी. लेकिन कई घंटों तक थाने से कोई भी घटनास्थल पर नहीं पहुंचा. जिसके बाद परिजनों का गुस्सा भड़क गया. देखते ही देखते हजारों की संख्या में घटना से गुस्साये लोगों ने जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया. बवाल की ख़बर मिलते ही घटनास्थल पर जब पुलिस पहुंची, तो गांव वालों ने पुलिस वालों का विरोध कर दिया और घटना स्थल पर जाने से रोक दिया. इसके बाद मामला गरमाने लगा आनन-फानन में रूरा थाने की पुलिस ने कानपुर देहात के आला अधिकारियों को इस बात की सूचना दी. इसके बाद घटनास्थल पर 7 थानों की फोर्स आ गई और शव को देख कर अपने कब्जे में लेने की कोशिश करने लगी. लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा इतना बढ़ चुका था कि पुलिस के हाथ पांव फूल गए.

मामला बिगड़ता देख मौके पर एसडीएम भी पहुंच गए और लोगों को समझाने लगे. जिसपर भीड़ ने कहा कि जब हम पुलिस की मदद मांग रहे थे, तब हमारी किसी ने नहीं सुनी. आप यहां से चले जाइए. भीड़ का गुस्सा देख एसडीएम वहां से चले गये.

इसे भी पढ़ें- बरेली में स्मैक तस्कर की संपत्ति पर चला सीएम योगी का बुल्डोजर

दरअसल परिजनों का आरोप है कि हत्यारे को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है. जिसकी वजह से कार्रवाई नहीं हुई है. इसमें कानपुर देहात से बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह का नाम सामने आ रहा है. जिन पर हत्या का आरोप लग रहा है वो पूर्व ग्राम प्रधान है. आरोपी विजय सिंह और ओंकार सिंह के संबंध बीजेपी सांसद से बताए जा रहे हैं. घटना की जानकारी पर मौके पर बीजेपी विधायक प्रतिभा शुक्ला और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी भी घटनास्थल पर पहुंच गए. जहां उन्होंने अफसरों पर सवाल खड़ते हुए कहा कि अगर इस मामले में वक्त पर कार्रवाई की गई होती तो आशुतोष की जान बच सकती थी. फिलहाल इस पूरे मामले में प्रशासन की ओर से रूरा थाना इंचार्ज और चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया गया है और निष्पक्ष जांच कराने की बात भी कही जा रही है.

कानपुर देहातः उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के लिए योगी सरकार तमाम कोशिश कर रही है. लेकिन अधिकारियों की कार्यशैली से अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले के रूरा थाना क्षेत्र के गोहलिया गांव में पुरानी रंजिश के चलते एक शख्स को मौत के घाट उतार दिया गया है.

दरअसल गोहलिया गांव का रहने वाला आशुतोष तिवारी का काफी लंबे समय से विजय सिंह, ओंकार सिंह और उनके साथियों से विवाद चलता चल रहा था. जमीन को लेकर ये विवाद चल रहा था. बताया जा रहा है कि गांव की जमीन को लेकर ये जातिवाद की लड़ाई चल रही थी. यह लड़ाई पिछले 3 सालों से ठाकुर वर्सेस ब्राह्मण हो रही थी. जिसमें दोनों की पार्टी एक दूसरे को आए दिन थाने में खींच रहे थे. लेकिन बात इतनी बढ़ गई कि दबंगों ने आशुतोष तिवारी को मौत के घाट उतार दिया. दरअसल आशुतोष का एक घर गांव में है और दूसरा घर गांव से हटकर कुछ दूर बाहर की ओर बना हुआ है. जिसमें आशुतोष एक छोटी सी दुकान करके अपनी जीविका भी चला रहा था. एक कमरे में रहता भी था. घर से आशुतोष अपने खेतों पर जाने की बात कहकर सुबह निकला और वापस नहीं आया. परिजनों ने काफी देर तक इंतजार करने के बाद जब आशुतोष को खोजना शुरू किया तो गांव के बाहर बने प्लाट में ही उसका शव मिला. शव को देख परिजनों के होश फाख्ता हो गए.

जमीनी विवाद में युवक की हत्या

घटना की जानकारी परिवार के लोगों ने रूरा थाने को दी. लेकिन कई घंटों तक थाने से कोई भी घटनास्थल पर नहीं पहुंचा. जिसके बाद परिजनों का गुस्सा भड़क गया. देखते ही देखते हजारों की संख्या में घटना से गुस्साये लोगों ने जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया. बवाल की ख़बर मिलते ही घटनास्थल पर जब पुलिस पहुंची, तो गांव वालों ने पुलिस वालों का विरोध कर दिया और घटना स्थल पर जाने से रोक दिया. इसके बाद मामला गरमाने लगा आनन-फानन में रूरा थाने की पुलिस ने कानपुर देहात के आला अधिकारियों को इस बात की सूचना दी. इसके बाद घटनास्थल पर 7 थानों की फोर्स आ गई और शव को देख कर अपने कब्जे में लेने की कोशिश करने लगी. लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा इतना बढ़ चुका था कि पुलिस के हाथ पांव फूल गए.

मामला बिगड़ता देख मौके पर एसडीएम भी पहुंच गए और लोगों को समझाने लगे. जिसपर भीड़ ने कहा कि जब हम पुलिस की मदद मांग रहे थे, तब हमारी किसी ने नहीं सुनी. आप यहां से चले जाइए. भीड़ का गुस्सा देख एसडीएम वहां से चले गये.

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दरअसल परिजनों का आरोप है कि हत्यारे को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है. जिसकी वजह से कार्रवाई नहीं हुई है. इसमें कानपुर देहात से बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह का नाम सामने आ रहा है. जिन पर हत्या का आरोप लग रहा है वो पूर्व ग्राम प्रधान है. आरोपी विजय सिंह और ओंकार सिंह के संबंध बीजेपी सांसद से बताए जा रहे हैं. घटना की जानकारी पर मौके पर बीजेपी विधायक प्रतिभा शुक्ला और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी भी घटनास्थल पर पहुंच गए. जहां उन्होंने अफसरों पर सवाल खड़ते हुए कहा कि अगर इस मामले में वक्त पर कार्रवाई की गई होती तो आशुतोष की जान बच सकती थी. फिलहाल इस पूरे मामले में प्रशासन की ओर से रूरा थाना इंचार्ज और चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया गया है और निष्पक्ष जांच कराने की बात भी कही जा रही है.

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