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यहां 19 सालों से अपने परिवार के साथ कैद हैं भगवान श्रीकृष्ण - श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

कानपुर देहात के एक कोतवाली के मालखाने में 19 साल से भगवान श्रीकृष्ण और उनके परिवार की मूर्तियां बंद हैं. इन मूर्तियों को चुराने वाले तो रिहा हो गए. लेकिन कानूनी दांव-पेच के चलते मूर्तियां अभी भी थाने में ही हैं.

शिवली कोतवाली में श्रीकृष्ण की मूर्ति कैद.
शिवली कोतवाली में श्रीकृष्ण की मूर्ति कैद.
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Published : Aug 29, 2021, 4:05 PM IST

Updated : Aug 29, 2021, 11:08 PM IST

कानपुर देहातः मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण को जन्म लेते ही कंस की कैद से मुक्ति मिल गई थी लेकिन जिले के थाने में माखनचोर 19 वर्षों कैद हैं. अभी तक श्रीकृष्ण की रिहाई का फरमान नहीं आया है. हालांकि साल में एक बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बाहर आते हैं. दरअसल शिवाली कोतवाली के पुलिसकर्मी जन्मष्टमी पर हर श्रीकृष्ण और उनके परिवार की मूर्तियों को मालखाने से बाहर निकालते हैं. इसके बाद स्नान कराकर नए कपड़े पहनाते हैं और विधि-विधान से पूजा पाठ करते हैं.

शिवली कोतवाली में श्रीकृष्ण की मूर्ति कैद.


कानपुर देहात के शिवली कोतवाली में बिना कोई अपराध के भगवान श्रीकृष्ण अपने परिवार समेत जेल में सजा काट रहे हैं. श्रीकृष्ण बड़े भाई बलराम, राधा और लड्डू गोपाल समेत शिवली कोतवाली के मालखाने में 19 साल से कैद हैं. कई बार लोगो ने प्रयास तो किया, लेकिन कानूनी दांव-पेंच के चलते उनको मुक्त नही कराया जा सका है. दरअसल 19 वर्ष पूर्व जिले के शिवली कोतवाली क्षेत्र के प्रसिद्ध राधा-कृष्ण मंदिर अष्टधातुओं की मूर्तियां चोरी हुई थी. मूर्ति चुराने वाले चोर एक सप्ताह में ही पुलिस के गिरफ्त में आ गए. कुछ समय बाद जमानत पर चोर तो रिहा हो गए, लेकिन द्वापर के महारथी श्रीकृष्ण कलियुग के कानूनी दांव पेंच में फंसकर रह गए है. जो आज भी कोतवाली के मालखाने में कैद है. हालांकि प्रत्येक वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व आने पर कोतवाली का पूरा स्टॉप बड़ी धूमधाम से उनका जन्मदिन मनाता है.

बता दें कि शिवली कस्बे के प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर से 12 मार्च 2002 को श्रीकृष्ण व राधा और बलराम की अष्टधातु की चार बड़ी मूर्तियां एवं लड्डू गोपाल और राधा जी की दो छोटी मूर्तिया चोरी हो गई थी. जिसकी कीमत आज से समय में 11 करोड़ से ऊपर है. मूर्तियां चोरी होने के बाद मंदिर के संरक्षक आलोक दत्त ने करके शिवली कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. शिकायत मिलते ही सक्रिय हुई पुलिस ने एक सप्ताह में ही चोरों को गिरफ्तार कर मूर्तियों को बरामद कर लिया था. इसके बाद मूर्तियों को पुनः मंदिर में स्थापित करने के लिए आलोक दत्त द्वारा कई बार कोतवाली और न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया लेकिन कोई हल नही निकल सका. हर साल की भांति इस वर्ष भी शिवली कोतवाली में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जाएगी. यहां पर तैनात पुलिसकर्मी श्रीकृष्ण और उनके परिवार मूर्तियों को बाहर निकालकर विधि-विधान से पूजा अर्चना करेंगे.

इसे भी पढ़ें-इन संदेशों के जरिए दें कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई, वॉट्सऐप के जरिए भेजें संदेश

वहीं, इस संबंध में स्थानीय निवासी शौरभ मिश्रा का कहना है कि कानूनी प्रक्रिया और मंदिर के पदाधिकारियों की निष्क्रियता के कारण ही आराध्य देव को थाने में कैद हैं. वहीं, कानूनी सलाहकार एवं अधिवक्ता संरक्षण समिति के अध्यक्ष सुनील पाण्डेय का कहना है कि भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों को मालखाने से बाहर निकालने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन को पहल करनी होगी. उन्होंने कहा कि इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्थानांतरित कर जल्द से जल्द सुनवाई होनी चाहिए. तभी आराध्य देव थाने के कैद से आजाद हो सकेंगे.

कानपुर देहातः मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण को जन्म लेते ही कंस की कैद से मुक्ति मिल गई थी लेकिन जिले के थाने में माखनचोर 19 वर्षों कैद हैं. अभी तक श्रीकृष्ण की रिहाई का फरमान नहीं आया है. हालांकि साल में एक बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बाहर आते हैं. दरअसल शिवाली कोतवाली के पुलिसकर्मी जन्मष्टमी पर हर श्रीकृष्ण और उनके परिवार की मूर्तियों को मालखाने से बाहर निकालते हैं. इसके बाद स्नान कराकर नए कपड़े पहनाते हैं और विधि-विधान से पूजा पाठ करते हैं.

शिवली कोतवाली में श्रीकृष्ण की मूर्ति कैद.


कानपुर देहात के शिवली कोतवाली में बिना कोई अपराध के भगवान श्रीकृष्ण अपने परिवार समेत जेल में सजा काट रहे हैं. श्रीकृष्ण बड़े भाई बलराम, राधा और लड्डू गोपाल समेत शिवली कोतवाली के मालखाने में 19 साल से कैद हैं. कई बार लोगो ने प्रयास तो किया, लेकिन कानूनी दांव-पेंच के चलते उनको मुक्त नही कराया जा सका है. दरअसल 19 वर्ष पूर्व जिले के शिवली कोतवाली क्षेत्र के प्रसिद्ध राधा-कृष्ण मंदिर अष्टधातुओं की मूर्तियां चोरी हुई थी. मूर्ति चुराने वाले चोर एक सप्ताह में ही पुलिस के गिरफ्त में आ गए. कुछ समय बाद जमानत पर चोर तो रिहा हो गए, लेकिन द्वापर के महारथी श्रीकृष्ण कलियुग के कानूनी दांव पेंच में फंसकर रह गए है. जो आज भी कोतवाली के मालखाने में कैद है. हालांकि प्रत्येक वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व आने पर कोतवाली का पूरा स्टॉप बड़ी धूमधाम से उनका जन्मदिन मनाता है.

बता दें कि शिवली कस्बे के प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर से 12 मार्च 2002 को श्रीकृष्ण व राधा और बलराम की अष्टधातु की चार बड़ी मूर्तियां एवं लड्डू गोपाल और राधा जी की दो छोटी मूर्तिया चोरी हो गई थी. जिसकी कीमत आज से समय में 11 करोड़ से ऊपर है. मूर्तियां चोरी होने के बाद मंदिर के संरक्षक आलोक दत्त ने करके शिवली कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. शिकायत मिलते ही सक्रिय हुई पुलिस ने एक सप्ताह में ही चोरों को गिरफ्तार कर मूर्तियों को बरामद कर लिया था. इसके बाद मूर्तियों को पुनः मंदिर में स्थापित करने के लिए आलोक दत्त द्वारा कई बार कोतवाली और न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया लेकिन कोई हल नही निकल सका. हर साल की भांति इस वर्ष भी शिवली कोतवाली में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जाएगी. यहां पर तैनात पुलिसकर्मी श्रीकृष्ण और उनके परिवार मूर्तियों को बाहर निकालकर विधि-विधान से पूजा अर्चना करेंगे.

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वहीं, इस संबंध में स्थानीय निवासी शौरभ मिश्रा का कहना है कि कानूनी प्रक्रिया और मंदिर के पदाधिकारियों की निष्क्रियता के कारण ही आराध्य देव को थाने में कैद हैं. वहीं, कानूनी सलाहकार एवं अधिवक्ता संरक्षण समिति के अध्यक्ष सुनील पाण्डेय का कहना है कि भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों को मालखाने से बाहर निकालने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन को पहल करनी होगी. उन्होंने कहा कि इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्थानांतरित कर जल्द से जल्द सुनवाई होनी चाहिए. तभी आराध्य देव थाने के कैद से आजाद हो सकेंगे.

Last Updated : Aug 29, 2021, 11:08 PM IST
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