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कानपुर देहात में खेतों में बना दिया गया क्वारंटाइन सेंटर - कोरोना वायरस अपडेट खबर

यूपी के कानपुर देहात के डेरापुर तहसील क्षेत्र के एक गांव में खेतों में क्वारंटाइन सेंटर बना दिया गया है. वहां की हालत ऐसी है कि न पंखा है न रहने लेटने के लिए बिस्तर है. यहां तक की यहां रह रहे लोगों के लिए खाना भी उनके घरों से आ रहा है. सरकार के सख्त होने के बाद भी प्रशासन की लापरवाही साफ तौर पर देखी जा सकती है.

खेतों में बना दिया गया क्वारंटाइन सेंटर.
खेतों में बना दिया गया क्वारंटाइन सेंटर.
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Published : May 21, 2020, 9:25 PM IST

कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश सरकार के सख्त होने के बाद भी जिले के प्रशासन की लापरवाही देखी जा सकती है. जहां पर दूसरे राज्यों शहरों से गांव में पहुंच रहे लोगों को प्रशासन की तरफ से ऐसा क्वारंटाइन सेंटर बना दिया गया है कि लोग खेतों में रहने को मजबूर हैं. गर्मी होने के बाद भी लोग धूप के नीचे चारपाई बिछाए हुए हैं. यहां तक की खाना भी लोग अपने घरों से मंगा कर खाने को मजबूर हैं.

मामला गांव बचीतपुरवा का मजरा कछियन पुरवा का है. यहां के प्रधान अजय गुप्ता ने गांव में जो लोग बाहर से आ रहे हैं उनकी जांच कराकर 14 दिनों तक गांव के बाहर क्वारंटाइन करा दिया है लेकिन जहां यह क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है वहां की हालत ऐसी है की न पंखा है न रहने लेटने के लिए बिस्तर है. यहां तक की यहां रह रहे लोगों के लिए खाना भी उनके घरों से आ रहा है. गांव के बाहर खेतों में क्वारंटाइन सेंटर बना दिया गया है.

इसे भी पढ़ें-कानपुर में सड़क हादसा, 1 की मौत, 12 प्रवासी मजदूर घायल

वहीं इस क्वारंटाइन में दो महिलाओं को भी रोका गया है जिनका कहना है की किसी भी तरह के कोई इंतजाम नहीं हैं. यहां तक की हम लोगों के बिस्तर तक घरों से मंगाए गए हैं. खाना तक नहीं मिलता है.

कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश सरकार के सख्त होने के बाद भी जिले के प्रशासन की लापरवाही देखी जा सकती है. जहां पर दूसरे राज्यों शहरों से गांव में पहुंच रहे लोगों को प्रशासन की तरफ से ऐसा क्वारंटाइन सेंटर बना दिया गया है कि लोग खेतों में रहने को मजबूर हैं. गर्मी होने के बाद भी लोग धूप के नीचे चारपाई बिछाए हुए हैं. यहां तक की खाना भी लोग अपने घरों से मंगा कर खाने को मजबूर हैं.

मामला गांव बचीतपुरवा का मजरा कछियन पुरवा का है. यहां के प्रधान अजय गुप्ता ने गांव में जो लोग बाहर से आ रहे हैं उनकी जांच कराकर 14 दिनों तक गांव के बाहर क्वारंटाइन करा दिया है लेकिन जहां यह क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है वहां की हालत ऐसी है की न पंखा है न रहने लेटने के लिए बिस्तर है. यहां तक की यहां रह रहे लोगों के लिए खाना भी उनके घरों से आ रहा है. गांव के बाहर खेतों में क्वारंटाइन सेंटर बना दिया गया है.

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वहीं इस क्वारंटाइन में दो महिलाओं को भी रोका गया है जिनका कहना है की किसी भी तरह के कोई इंतजाम नहीं हैं. यहां तक की हम लोगों के बिस्तर तक घरों से मंगाए गए हैं. खाना तक नहीं मिलता है.

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