कानपुर देहात: जिले में इन दिनों कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. जनपद के पुलिस ऑफिस में रोज सैकड़ो फरियादी आते हैं, लेकिन उनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है. अपराध को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लगातार दावे कर रही है, लेकिन कानपुर देहात की पुलिस इन दावों की पोल खोल रही है. जनपद में पुलिसिया कार्यशैली अपराधियों और अपराध के आगे नत्मस्तक है. कानपुर देहात में अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं और पुलिस सिर्फ जांच और उचित कार्रवाई कराने की ढपली बजा रही है.
दर-दर भटकने को मजबूर फरियादी
ईटीवी भारत के संवाददाता ने जिले के अलग-अलग इलाकों से पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे फरियादियों से बात की. जिसके बाद पुलिसिया कार्यशैली की भी हकीकत निकलकर सामने आई. सबका यही कहना था कि वे लोग कई बार पुलिस अधीक्षक कार्यलय के चक्कर काट चुके हैं. पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे फरियादियों ने बताया कि यहां कहा जाता है कि थाने-चौकी जाओ वहां कार्रवाई होगी, लेकिन जब वहां जाओ तो भगा दिया जाता है. उनकी फरियाद कहीं नहीं सुनी जाती. ऐसे में वे दर-दर भटकने को मजबूर हैं. कई बार वे अपनी शिकायत लेकर चौकी और थाने जाते हैं तो वहां से भी उन्हें भगा दिया जाता है.
फर्जी मामला बताकर भगा दिया जाता है थाने से
शिवली थाना इलाके से आई एक महिला फरियादी ने बताया कि गांव के तीन दबंगो आकाश, जगत सिंह और सर्वेश ने एक छात्रा को घर से उठाकर उसके साथ गैंगरेप का प्रयास किया था. इतना ही नहीं आरोपियों ने जान से मारने की धमकी भी दी थी. इस मामले में थाने में शिकायत भी की गई तो थाने से पीड़ितों को थाने ये कहकर भगा दिया गया कि मामला फर्जी है और लाख-दो लाख लेकर चुप-चाप वापस जाओ. अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं. ये कोई इकलौता मामला नहीं हैं. ऐसे कई फरियादी मौके पर मौजूद थे, जिनकी शिकायतों का समाधान करने वाला जनपद में कोई नहीं है. जिसके चलते पीड़ितों के हाथ महज निराशा ही लग रही है.
क्या बोले पुलिस अधीक्षक
इस बारे में जब जिले के पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी से बात की गई तो उनका कहना था कि कुछ लोग गांव के प्रभावशाली व्यक्तियों के प्रभाव में आकर रुपये लेकर रिपोर्ट दर्ज करवाते हैं. पर उनका नाम नहीं लूंगा. केशव कुमार चौधरी ने कहा कि जिले के सारे थानों और चौकियों पर निर्देश दिया गया है कि जो भी फरियादी आएं उनकी शिकायतों का समाधान किया जाए.