कानपुर देहात: केंद्र में बीजेपी सरकार के काबिज होते ही देश में सभी सांसदों को ऐसे गांव गोद लेने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से फरमान आया था, जिनमें विकास की लहर न निकली हो. जरूरतमंद गांवों को गोद लेकर उन्हें स्मार्ट और मॉडल बनाने की बात कही गई थी. पीएम के इस फरमान के बाद सांसदों ने गांवों को गोद तो लिया लेकिन कभी उनका सूरत-ए-हाल जानने नहीं पहुंचे.
यूपी के कानपुर देहात के लालपुर की हालत आज भी वैसी है, जैसी सांसद की गोद में पहुंचने से पहले थी. इस गांव को बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने गोद लिया था. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गांव में विकास तो जमकर हुआ है लेकिन सिर्फ कागजों पर. ऐसे में ईटीवी भारत ने गांव की हकीकत ग्राउंड जीरो से जानने की कोशिश की. गांव के हालात आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे. पेश है पड़ताल की एक रिपोर्ट-
बीजेपी सांसद अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र से देवेंद्र सिंह भोले के गोद लिए गांव लालपुर की हालत 2014 से आज तक जस की तस बनी हुई है. विकास तो दूर सड़कें तक जर्जर हालत में हैं. मॉडल स्कूल का शौचालय मरम्मत को तरस रहा है. वहीं स्वच्छ भारत मिशन तो जैसे गांव में गायब ही हो गया है. आवास योजना का लाभ लोगों को नहीं मिला. लोग खंडहर और कच्चे मकानों में रह रहे हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि आज तक लालपुर गांव में उन्हें किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला. पांच साल बीत जाने के बाद भी केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार की योजनाओं से वंचित हैं.