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झींझक रेलवे स्टेशन पर कल से नहीं रुकेगी महानंदा एक्सप्रेस

कानपुर देहात के झींझक रेलवे स्टेशन पर कल से महानंदा एक्सप्रेस का ठहराव नहीं होगा. रेलवे ने स्टेशन पर नोटिस भी चस्पा कर दिया है. मामले में स्थानीय नेताओं ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर व्यवस्था बहाल करने की अपील की है.

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Published : Dec 9, 2020, 1:57 PM IST

10 दिसंबर से नहीं रुकेगी महानंदा एक्सप्रेस.
10 दिसंबर से नहीं रुकेगी महानंदा एक्सप्रेस.

कानपुर देहात: जिले के झींझक रेलवे स्टेशन पर 10 दिसंबर से महानंदा एक्सप्रेस नहीं रुकेगी. भारत सरकार के निर्देश पर रेलवे विभाग ने ठहराव को लेकर रोक लगा दी है. इससे जनपदवासियों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. झींझक स्टेशन पर महानंदा एक्सप्रेस तब से रुकती है, जब से जिले के निवासी रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति चुने गए थे.

राष्ट्रपति के पैतृक गांव का सबसे करीब रेलवे स्टेशन

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पैतृक गांव परौख से सबसे करीब रेलवे स्टेशन झींझक है. इस स्टेशन पर रेलवे विभाग ने नोटिस चस्पा किया है. नोटिस के मुताबिक, 10 दिसंबर से झींझक रेलवे स्टेशन पर महानंदा एक्सप्रेस का ठहराव नहीं होगा. ट्रेन के ठहराव न होने से जनपदवासियों में खलबली मची है. क्षेत्रीय नेताओं ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर महानंदा एक्सप्रेस चलाए जाने की गुजारिश की है. इससे पहले भी रेलवे विभाग ने राष्ट्रपति के क्षेत्र में संगम व लिंक एक्सप्रेस का ठहराव भी बंद किया था.

स्थानीय लोगों में निराशा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने सांसद रहने के कार्यकाल में झींझक रेलवे स्टेशन पर गोमती एक्सप्रेस, रीवा एक्सप्रेस और आगरा-लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस का ठहराव करवाया था. जनपदवासियों का कहना है कि ट्रेनों के ठहराव से ही जिले का विकास है. इससे आवागमन में आसानी रहती है. लोगों को अपेक्षा थी कि राष्ट्रपति के पैतृक गांव का विकास होगा, लेकिन रेलवे विभाग ने धीरे-धीरे करके ट्रेनों का ठहराव बंद कराया है. उनका कहना है कि आसपास के स्टेशनों पर रेलवे ने ट्रेनों का ठहराव नहीं बंद कराया लेकिन झींझक रेलवे स्टेशन पर ही रेलवे ने कार्रवाई की.

कानपुर देहात: जिले के झींझक रेलवे स्टेशन पर 10 दिसंबर से महानंदा एक्सप्रेस नहीं रुकेगी. भारत सरकार के निर्देश पर रेलवे विभाग ने ठहराव को लेकर रोक लगा दी है. इससे जनपदवासियों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. झींझक स्टेशन पर महानंदा एक्सप्रेस तब से रुकती है, जब से जिले के निवासी रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति चुने गए थे.

राष्ट्रपति के पैतृक गांव का सबसे करीब रेलवे स्टेशन

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पैतृक गांव परौख से सबसे करीब रेलवे स्टेशन झींझक है. इस स्टेशन पर रेलवे विभाग ने नोटिस चस्पा किया है. नोटिस के मुताबिक, 10 दिसंबर से झींझक रेलवे स्टेशन पर महानंदा एक्सप्रेस का ठहराव नहीं होगा. ट्रेन के ठहराव न होने से जनपदवासियों में खलबली मची है. क्षेत्रीय नेताओं ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर महानंदा एक्सप्रेस चलाए जाने की गुजारिश की है. इससे पहले भी रेलवे विभाग ने राष्ट्रपति के क्षेत्र में संगम व लिंक एक्सप्रेस का ठहराव भी बंद किया था.

स्थानीय लोगों में निराशा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने सांसद रहने के कार्यकाल में झींझक रेलवे स्टेशन पर गोमती एक्सप्रेस, रीवा एक्सप्रेस और आगरा-लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस का ठहराव करवाया था. जनपदवासियों का कहना है कि ट्रेनों के ठहराव से ही जिले का विकास है. इससे आवागमन में आसानी रहती है. लोगों को अपेक्षा थी कि राष्ट्रपति के पैतृक गांव का विकास होगा, लेकिन रेलवे विभाग ने धीरे-धीरे करके ट्रेनों का ठहराव बंद कराया है. उनका कहना है कि आसपास के स्टेशनों पर रेलवे ने ट्रेनों का ठहराव नहीं बंद कराया लेकिन झींझक रेलवे स्टेशन पर ही रेलवे ने कार्रवाई की.

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