कानपुर देहात: कुख्यात अपराधी विकास दुबे प्रकरण की जांच कर रही एसआईटी ने 1995 से शिवली कोतवाली में तैनात रहे पुलिसकर्मियों का विवरण तलब किया था, ताकि विकास दुबे और उसके गैंग के सदस्यों के पक्षधर रहे पुलिस कर्मियों को चिन्हित किया जा सके. गुरुवार को 22 सौ पुलिस कर्मियों की सूची तैयार कर एसआईटी को भेज दी गई है.
दो जुलाई की रात कानपुर नगर के बिकरू में कुख्यात विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर गोली बारी कर दी गई थी. इसमें सीओ समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे. इसको शूटआउट को लेकर कई पुलिस कर्मियों पर सवाल भी उठाये गए थे. इसमें चौबेपुर एसओ समेत कई पुलिस कर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी. लिहाजा चौबेपुर एसओ विनय तिवारी और हल्का इंचार्ज केके शर्मा को विकास दुबे से सांठगांठ के आरोप में जेल भेज दिया गया था.
दरअसल, बिकरू गांव 2004 में चौबेपुर थाने में जोड़ा गया था. इसके पहले बिकरू गांव कानपुर देहात के शिवली कोतवाली से जुड़ा था. वर्ष 2001 में कोतवाली के अंदर राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसमें विकास दुबे मुख्य आरोपी था. बाद में कोर्ट से वह बरी हो गया था. वहीं बिकरू गोली कांड की जांच कर रही एसआईटी ने शिवली कोतवाली में 1995 से लेकर अब तक तैनात रहे पुलिस कर्मियों की सूची मांगी थी.
एसपी अनुराग वत्स ने सीओ रसूलाबाद को पुलिस कर्मियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद कुल 22 सौ पुलिस कर्मियों की सूची तैयार हुई है. सभी की तैनाती का समय, स्थानांतरण के बाद दोबारा तैनात होने का विवरण भी दर्ज किया गया है. एसपी ने बताया कि एसआईटी की ओर से मांगी गई सूचना भेज दी गई.